50 करोड़ की लैब का काम मार्च में होगा शुरू; सिंहस्थ से पहले मिलेगी सौगात
सरकार लोगों की सेहत के प्रति काफी सजग है। यही कारण है कि भोपाल के बाद इंदौर में 8 करोड़ की लागत से फूड एण्ड ड्रग लेबोरेटरी को शुरू किया गया। अब ग्वालियर और जबलपुर में भी ऐसी ही लैब बनकर तैयार होगी। इसी कड़ी में अगले साल मार्च में महाकाल की नगर उज्जैन में इंटरनेशनल पैरामीटर्स वाली फूड एण्ड ड्रग लैब का काम शुरू होगा। इसकी लागत 50 करोड़ की होगी।
यह कहना है प्रदेश के प्रदेश के लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का। सोमवार को इंदौर में 8 करोड़ की लागत से लोकार्पित हुई फूड एण्ड ड्रग लैब के बाद 'दैनिक भास्कर' ने उनसे विशेष बातचीत की। इसमें उन्होंने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार लोगों के स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हैं। लोग बीमार न पड़े इसलिए उनकी अच्छी सेहत के लिए हरसंभव नए-नए कदम उठाए जा रहे हैं।
इंदौर में जो फूड एण्ड ड्रग लैब शुरू हुई है उसमें फूड को लेकर National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories (NABL) की मान्यता है लेकिन फूड को लेकर अभी नहीं मिली है, फिर कैसे होगी टेस्टिंग?
- फूड के सारे इक्विपमेंट्स आ चुके हैं और इंटरनल टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। ड्रग के लिए गवर्नमेंट एनालिस्ट्स भी हैं। ड्रग टेस्टिंग के मामले सरकार फुल फ्लैश है। फूड के लिए भी जो-जो मशीनों की जरूरत हैं वे सभी हैं। सर्विलॉन्स के सैंपल जिनमें कानूनी बाध्यता नहीं होती वे भी टेस्ट किए जाते हैं। इसके बाद भी कोई सैंपल अमानक पाया जाएगा तो दोबारा जांच के लिए NABL भेजेंगे। इंदौर के लिए भी NABL की मान्यता जल्दी मिल जाएगी।
इसके पूर्व जो सैंपल भोपाल लैब भेजे गए क्या वे इललीगल नहीं हैं?
- दरअसल प्रदेश में दो तरह के सैंपल चलते हैं। एक सरकार के लक्ष्य यानी सर्विलॉन्स के रहते हैं और कुछ लीगल के रहते हैं। सर्विलॉन्स सैंपल का मतलब कि अगर किसी की शिकायत मिलती है या जो भोपाल में निर्धारित हैं उतने सैंपल हर फूड इंस्पेक्टर को उठाना ही है और जांचना है। ऐसे ही कहीं से शिकायत मिलती है या फूड इंस्पेक्टर को लगता है कि कोई गड़बड़ी है तो ऐसे सैंपल को लीगल के तहत उठाते हैं ताकि जांच होने के बाद विधिवत कार्यवाही की जा सके।
यह तो इंदौर संभाग की बात है लेकिन अन्य संभागों के सैंपल अब कहां भेजे जाएंगे?
- तीसरी लेबोरेटरी अब जबलपुर में शुरू होगी, यह संकल्प सरकार ने लिया है। चौथे माह में ग्वालियर में प्रदेश की चौथी फूड एंड ड्रग लेबोरेटरी का काम शुरू होगा। उसमें भी सारे इक्विपमेंट्स रहेंगे। पांचवे माह में प्रदेश में इंटरनेशनल पैरामीटर्स बेस्ड फूड एण्ड ड्रग लैब का काम महाकाल की नगरी उज्जैन में शुरू होगा।
इंदौर के लोग तेजी से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल के शिकार हो रहे हैं। क्या चिंता का विषय नहीं है?
- देश के लोगों की सेहत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी जागरूक है। Food safety and standards authority of India (FSSI) इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही जनजागरूकता के कार्यक्रम चल रहे हैं।
कानूनी तौर पर कैसे इसे व्यवस्था को सुधार सकते हैं इस दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। आज के कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने संकल्प लिया है कि प्रदेश के नागरिकों को खाद्य और औषधि शुद्ध मिले ताकि लोग बीमार नहीं पड़े। शास्त्रों में भी लिखा है "आहार शुद्धौ सत्व शुद्धिः" शुद्ध भोजन करने से मन और चेतना शुद्ध होती है। सरकार इस सिद्धांत पर प्रतिबद्ध है।
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