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खून से लथपथ शराबी ने मंत्री गोविंद राजपूत और कलेक्टर की गाड़ियां रोककर मचाया हंगामा A drunk man covered in blood created a ruckus by stopping the vehicles of Minister Govind Rajput and the Collector.

 

सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले में बुधवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, शहर से सटे परसिया गांव में दो शराबियों ने न केवल सड़क पर उत्पात मचाया, बल्कि राज्य के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और सागर कलेक्टर संदीप जीआर की गाड़ियों को भी रोकने की कोशिश की। इनमें से एक शराबी खून से लथपथ हालत में सड़क पर गिरा पड़ा था, जिसने खुद ही अपने सिर पर ब्लेड से वार कर लिया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों शराबी नशे में धुत होकर सड़क पर चिल्ला रहे थे और प्रशासन से किसी तरह का “न्याय” मांग रहे थे, हालांकि उनके शब्दों में इतनी गाली-गलौज थी कि यह समझना मुश्किल था कि वे वास्तव में किस बात से नाराज़ थे। दोपहर करीब 3.30 से 4 बजे के बीच यह पूरा हाईवोल्टेज ड्रामा चला, जिसके कारण मंत्री और कलेक्टर के काफिले को लगभग 20 मिनट तक रुकना पड़ा।



गोवर्धन पूजा से लौट रहे थे मंत्री और कलेक्टर- दरअसल, बुधवार को प्रदेशभर में शासन के निर्देशानुसार गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जा रहा था। इसी कार्यक्रम में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और कलेक्टर संदीप जीआर नरयावली विधानसभा क्षेत्र के पड़रई गांव स्थित गोशाला में शामिल होकर लौट रहे थे। जैसे ही काफिला परसोरिया गांव के पास पहुंचा, अचानक दो शराबी सड़क के बीच आ गए और मंत्री की गाड़ी रोकने लगे।


सुरक्षाकर्मियों ने हटाया, लेकिन शराबियों का नाटक जारी रहा- मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत स्थिति संभाली और शराबियों को किनारे हटाया। उन्होंने पुलिस को सूचना देकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। लेकिन कलेक्टर की गाड़ी जब वहां पहुंची, तो एक शराबी कार के आगे लेट गया और बार-बार उठकर सड़क पर नाटक करने लगा। उसने सिर से बहते खून के बावजूद लगातार चिल्लाते हुए गालियां दीं और पुलिस को मौके पर बुलाने की मांग करता रहा।


20 मिनट तक जाम, फिर पहुंची डायल 112- कलेक्टर संदीप जीआर ने धैर्य से स्थिति संभालने की कोशिश की और पुलिस को फोन कराया, लेकिन सानौधा थाना से पुलिस दल देर से पहुंचा। इस दौरान कलेक्टर का सुरक्षाकर्मी शराबियों को हटाने की कोशिश करता रहा, जबकि पीछे एसडीएम और तहसीलदार के वाहन भी फंसे रहे। लगभग 20 मिनट बाद डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और दोनों शराबियों को वाहन में बैठाकर थाने ले गई। इसके बाद कलेक्टर और अन्य अधिकारी अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।


प्रशासन पर उठे सवाल- इस पूरे घटनाक्रम ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस इलाके में राज्य के मंत्री और कलेक्टर का काफिला गुजर रहा था, वहां शराबी इस तरह उत्पात मचाते रहे और पुलिस को पहुंचने में 20 मिनट से अधिक लग गए। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की तत्परता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। हालांकि देर रात तक पुलिस ने दोनों शराबियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी।

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