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सवा छह करोड़ के पटाखों का जखीरा पकड़ा, तीन गिरफ्तार A cache of firecrackers worth Rs 6.25 crore seized, three arrested

 पुलिस ने शुक्रवार को भोजपुर गांव स्थित गोल्डन ट्रेडिंग एजेंसी के दो गोदामों पर छापा मारकर 3 लाख 44 हजार किलोग्राम पटाखों का जखीरा पकड़ा है। कारोबारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए पटाखों की कीमत 6.25 करोड़ रुपये है। एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटाखों की बिक्री की जा रही थी।मोदीनगर- हापुड़ मार्ग स्थित गांव भोजपुर में गोल्डन ट्रेडिंग एजेंसी के लगभग 15 बीघा भूमि में दो गोदाम हैं। यहां भंडारण के लिए 12 हॉल बने हुए हैं। एडीसीपी आलोक प्रियदर्शी, एसीपी मोदीनगर अमित सक्सेना और उपजिलाधिकारी मोदीनगर अजीत सिंह ने सूचना पर पुलिस फोर्स के साथ दोपहर करीब 3 बजे इन गोदामों पर छापा मारा। टीम को गोदाम पूरी क्षमता के साथ भरे मिले। जांच के दौरान यहां ग्रीन के साथ खतरनाक पटाखों का जखीरा भी मिला।

गोदामों में पटाखों का जखीरा देखकर टीम सकते में आ गई। एहतियात के लिए दमकल टीम को भी मौके पर बुलाया गया। टीम ने करीब तीन घंटे तक कार्रवाई की। टीम को यहां से लगभग 3 लाख 44 हजार किलोग्राम पटाखे बरामद हुए। पुलिस के अनुसार बरामद पटाखों की कीमत करीब 6.25 करोड़ रुपये है।

प्रतिबंध के बावजूद बेरोकटोक की जा रही थी बिक्री : दिल्ली एनसीआर में पटाखों की ब्रिकी और भंड़ार पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। इसके बावजूद गोल्डन ट्रेडिंग एजेंसी ने गांव भोजपुर स्थित गोदामों में भारी मात्रा में पटाखों का भंड़ार किया था। इसके साथ ही यहां से बिक्री भी की जा रही थी।मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, बुलंदशहर, हापुड़ समेत कई जिलों में पटाखों की सप्लाई हो रही थी। जानकारी के अनुसार अभी करीब सौ ट्रक पटाखे और आने थे। मगर इससे पहले ही पुलिस ने कार्रवाई कर दी।भोजपुर पुलिस की नाक के नीचे हो रही थी पटाखों की बिक्री : पटाखों के गोदाम भोजपुर थाने से मात्र आधा किमी दूर हैं। कई महीनों से यहां बिक्री हो रही थी। मगर भोजपुर पुलिस अनजान बनी रही।पुलिस के अनुसार 15 वर्ष से यहां पटाखों के गोदाम बने हुए हैं। इसके लाइसेंस का नवीनीकरण बीते मार्च में ही हुआ है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन की आख्या नहीं मांगी गई। इसके बिना ही लाइसेंस का नवीनीकरण हो गया। बता दें कि इससे पूर्व भी पटाखा गोदामों पर कार्रवाई हो चुकी है। बीते वर्ष जीएसटी की टीम भी कार्रवाई कर चुकी है।

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