इंन्दौर /कान्ह–सरस्वती कभी जीवन का प्रवाह थीं, आज उन्हें हमारे स्पर्श और संवेदना की आवश्यकता है
दीपावली के इस पावन अवसर पर जब हमारे घरों के आँगन दीपों से जगमगा उठे हैं, तो क्यों न एक दीप अपनी नैसर्गिक नदी के नाम भी जलाएँ। आइए, हम सब मिलकर इस प्रवाह को फिर से जीवन दें। इस वर्ष भी अभ्यास मंडल द्वारा कृष्णपुरा छत्री घाट पर सामूहिक दीपदान किया ,आज लगाया गया हर दीप हमारी आस्था, हमारी शहर की जिम्मेदारी , जनता का सपना कल कल पानी बहने का और हमारे शहर के उज्जवल भविष्य का प्रतीक बनेगा...
निरंतर 2010 से यह दीप महोत्सव मनाया जाता हैं कुछ लोग अपने घर से भी दिया लाकर लगाते है
दीप महोत्सव का शुभारंभ श्यामसुंदर यादव, शंकर गर्ग, अशोक जायसवाल, रामबाबू अग्रवाल, ओ पी जोशी, गौतम कोठारी, रामेश्वर गुप्ता ने किया
मालासिंह ठाकुर ने अभ्यास मंडल द्वारा कान्हा सरस्वती को पुनर्जीवित करने हेतु 2010 से किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी
कार्यक्रम का संचालन पल्लवी आढाव ,स्वप्निल व्यास ने किया आभार अशोक कोठारी ने माना
इस आयोजन में ओ पी श्रीवास्तव, किशन सोमानी, रजनीश श्रीवास्तव, पी सी शर्मा, राजा चौकसे,मुरली खंडेलवाल, पराग जटाले, वैशाली खरे, रेखा आचार्य , दीप्ति गौर, ग्रीष्मा त्रिवेदी, प्रणिता दीक्षित, बसंत सोनी, अजय प्रताप सिंह,आदित्य प्रताप सिंह, आदी उपस्थिति थे
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