अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर लगाए गए ताजा प्रतिबंधों को लेकर रूस की प्रतिक्रिया को खारिज करते हुए कहा कि इन प्रतिबंधों का वास्तविक प्रभाव आने वाले छह महीनों में दिखाई देगा। वाइट हाउस में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिकी प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा तो ट्रंप ने जवाब दिया, "मुझे अच्छा लगा कि वह ऐसा सोचते हैं। छह महीने बाद मैं आपको बताऊंगा कि इसका नतीजा क्या हुआ। देखते हैं आगे क्या होता है।"
ट्रंप ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी। इन कदमों का उद्देश्य रूस पर दबाव बनाना है ताकि वह यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त करे। प्रतिबंधों की घोषणा के बाद वैश्विक तेल कीमतों में 5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह पहली बार है जब ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में यूक्रेन युद्ध से जुड़े किसी मुद्दे पर रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। पुतिन ने अमेरिकी कदम को रूस पर दबाव डालने की कोशिश करार दिया और कहा, "कोई भी स्वाभिमानी देश या जनता दबाव में आकर निर्णय नहीं लेती।"
भारत पर भी असर की संभावना
ट्रंप ने हाल के बयानों में यह भी दावा किया है कि भारत रूस से तेल आयात में कटौती करने वाला है। हालांकि भारत सरकार की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत दोनों रूसी तेल कंपनियों को अमेरिकी डॉलर आधारित वैश्विक भुगतान प्रणाली से अलग कर दिया जाएगा। ऐसे में भारत और चीन के कई रिफाइनर अब अपने आयात समझौतों की समीक्षा कर रहे हैं और सरकारी दिशानिर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
ट्रंप और पुतिन के बीच यूक्रेन मुद्दे पर बुडापेस्ट में प्रस्तावित बैठक भी अमेरिका द्वारा रद्द कर दी गई। ट्रंप ने कहा, "मुझे यह बैठक सही नहीं लगी। मुझे नहीं लगा कि इससे वह परिणाम मिलेगा जिसकी हमें जरूरत है। इसलिए मैंने इसे रद्द किया, लेकिन भविष्य में यह बैठक जरूर होगी।"

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