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बिहार चुनाव: नामांकन वापसी का समय खत्म, जानिए पहले चरण की 121 सीटों का लेखा-जोखा Bihar Elections: Nomination withdrawal deadline ends, know the results of the first phase of 121 seats

 

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. हालांकि टिकटों के बंटवारे को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों में अंत तक असमंजस की स्थिति रही. नामांकन प्रक्रिया खत्म होने से पहले ही एनडीए ने सीटों के बंटवारे को सुलझा लिया था, लेकिन महागठबंधन में दिवाली तक स्थिति अस्पष्ट रही. अब पहले चरण के लिए नामांकन वापसी का समय भी खत्म हो गया है, ऐसे में बिहार विधानसभा की 121 सीटों पर मुकाबला तय हो चुका है.



पहले चरण के लिए 18 जिलों की 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इन सीटों पर नाम वापस लेने की मियाद कल सोमवार तक थी. पहले चरण के लिए कुल 1,690 प्रत्याशियों ने 2,496 नामांकन सेट दाखिल किए थे. मियाद खत्म होने के बाद 1,375 प्रत्याशियों के 1,938 नामांकन सही पाए गए. कई प्रत्याशियों ने एक से अधिक पेपर जमा कराए थे. पहले चरण के लिए 70 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए तो 488 नामांकन खारिज कर दिए गए. इस तरह से 1,375 प्रत्याशियों के नामांकन सही पाए गए. अब मैदान में कुल 1,314 लोगों के बीच ही मुकाबला होगा.


इन 18 जिलों में राजधानी पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, सहरसा, गोपालगंज, सीवान, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, खगड़िया, मुंगेर, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, भोजपुर और बक्सर शामिल हैं. पहले चरण के लिए जहां-जहां वोटिंग होनी है उसमें तारापुर, लखीसराय, अलीनगर, मोकामा, पटना साहिब, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, आरा और वैशाली जैसी हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीटें शामिल हैं.

सबसे अधिक और सबसे कम प्रत्याशी

पहले चरण के लिए 2 सीटों (पटना की पालीगंज और वैशाली जिले की महनार) पर 40 से अधिक नामांकन दाखिल किए गए थे. पालीगंज सीट पर सबसे अधिक 45 सीटों पर नामांकन दाखिल हुआ था, लेकिन यहां 14 प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला तय हो गया है. जबकि कुढ़नी और मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 20-20 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा. पालीगंज सीट पर महागठबंधन की ओर से सीपीआई-एमएल-एल के संदीप सौरव का मुकाबला एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास पासवान) के सुनील कुमार के बीच ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है.

इस चरण के दौरान सबसे कम नामांकन गोपालगंज जिले की भोरे और मुजफ्फरपुर की रिजर्व सकरा सीट पर 10-10 नामांकन दाखिल हुए थे. भोरे, परबत्ता और अलौली सीट पर सबसे कम 5-5 प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला हो रहा है. नाम वापसी के लिहाज से देखें तो पटना जिले में सबसे अधिक 9 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए. फिर दरंभगा जिले का नाम आता है जहां 8 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए.

बाहुबलियों के परिवार भी मुकाबले में

पटना जिले की मोकामा सीट से गैंगस्टर से नेता बने सूरजभान सिंह की पत्नी, पूर्व सांसद वीणा देवी का मुकाबला पति के कट्टर प्रतिद्वंद्वी अनंत सिंह से हो रहा है. दोनों परिवारों के बीच 25 साल बाद मुकाबला हो रहा है. पिछले 20 सालों से अनंत सिंह यहां से चुनाव नहीं हारे हैं.

दूसरी ओर, लंदन से कानून की डिग्री हासिल करने वाली शिवानी शुक्ला वैशाली जिले की लालगंज सीट से चुनावी मैदान में हैं, उनके पिता मुन्ना शुक्ला, जो उत्तर बिहार के खूंखार गैंगस्टरों में से एक माने जाते हैं, वह 2 बार और उनकी मां अन्नू शुक्ला एक बार जीत चुकी हैं.

मुंगेर जिले की तारापुर सीट से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मुकाबले में हैं तो लखीसराय से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. अलीनगर से मैथिली ठाकुर, मोकामा से अनंत सिंह, दानापुर से रामकृपाल सिंह यादव और फुलवारी से पूर्व मंत्री श्याम रजक पहले चरण के चुनाव में मुकाबले में हैं. महागठबंधन की ओर से वैशाली की राघोपुर सीट से पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव मुकाबला लड़ रहे हैं.

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