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भोपाल झील में भी कश्मीर डल लेक जैसी शिकारा सेवा… पर्यटन ही नहीं, पर्यावरण और रोजगार पर भी फोकसShikara service like Kashmir Dal Lake in Bhopal Lake too… Focus not only on tourism but also on environment and employment

 भोपाल आने वाले पर्यटक अब कश्मीर की डल झील जैसा आनंद उठा सकेंगे, बोट क्लब पर लहरों की अटखेलियों का लुत्फ ले सकेंगे, नजदीक से देख और छू भी सकेंगे. दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज 4 दिसंबर को शिकारा सेवा का लोकार्पण किया है. इसके तहत 20 शिकारे बड़े तालाब में उतारे गए. टूरिस्ट प्रीमियम बोटिंग का अनुभव हासिल कर सकेंगेे. नई पहल भोपाल को वॉटर-टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करेगी. इससे पर्टटन के साथ-साथ पर्यावरण और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.


इस अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, राज्य मंत्री कृष्णा गौर, राज्यमंत्री दिलीप अहीरवार, राज्यमंत्री राधा सिंह सहित विधायकगण एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे.

जल परियोजनाओं पर फोकस

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इन शिकारों का संचालन प्रदेश में पहली बार बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है. इससे भोपाल की अपर लेक नेशनल टूरिज्म के नक्शे पर और अधिक प्रमुखता से उभरेगा. उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में नर्मदा वैली सहित कई बड़ी जल परियोजनाएं बन रही हैं. ये भी पर्यटन का केंद्र बन सकती हैं. हमारी कोशिश इनके माध्यम से रोजगार सृजन करना है.

पर्यटन से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा कि राजधानी की इतनी बड़ी झील में शिकारा सेवा की शुरुआत बहुत आकर्षक है, इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. शिकारा सेवा के शुभारंभ कार्यक्रम में हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि भोपाल हम सभी के दिल के करीब है, यह शहर देशभर में अलग ही दर्जा हासिल किए हुए है.

पर्यावरण के अनुकूल शिकारे

यह शिकारे कश्मीर की डल लेक की तर्ज पर इसलिए बनाए गए हैं, ताकि भोपाल में वॉटर-टूरिज्म को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके. शिकारों को पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है. इसमें प्रदूषण रहित सामग्री फाइबर रिइनफोर्स्ड पॉलीयूरिथेन (FRP) का इस्तेमाल किया गया है. यह सामग्री पूरी तरह नॉन-रिएक्टिव है. इससे न जल प्रदूषित होता है, न ही तालाब के जैव-वातावरण को कोई नुकसान पहुंचता है. अत्याधुनिक तकनीक से बने इन शिकारों को वॉटर टूरिज्म के लिए अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और आकर्षक बनाया गया है.

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