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दो वर्षों की उपलब्धियों का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री The PWD Minister presented a report detailing the achievements of the past two years.

300 करोड़ रुपए से बनेगा अभियंताओं का प्रशिक्षण केंद्र, पर्यावरणीय अनुमति के अभाव में अटकी योजनाओं का आंकड़ा नहीं दे पाए



भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार में मंत्रियों द्वारा अपने-अपने विभागों के दो वर्षों के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने आज मीडिया के समक्ष अपने विभाग का दो साल का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से बात की। मंत्री राकेश सिंह ने स्वीकार किया कि राज्य में लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के लिए अब तक नियमित और संगठित प्रशिक्षण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। अभियंताओं को प्रशिक्षण के लिए प्रदेश से बाहर जाना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों दोनों की हानि होती थी। इस कमी को दूर करने के लिए अब प्रदेश में ही एक आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण पर लगभग 300 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। यह केंद्र भविष्य में अभियंताओं की दक्षता बढ़ाने और विभागीय कार्यों की गुणवत्ता सुधारने में अहम भूमिका निभाएगा।


पर्यावरणीय अनुमति के कारण अटकी परियोजनाओं के सवाल पर मंत्री राकेश सिंह स्पष्ट आंकड़ा नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में सड़क या अन्य निर्माण कार्य प्रस्तावित होने पर वन विभाग की ओर से आपत्तियां आती हैं, जिसके चलते कई बार परियोजनाएं विलंबित हो जाती हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश रहती है कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे और जहां आवश्यक हो वहां भरपाई के उपाय किए जाएं। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस समय वह यह नहीं बता सकते कि पर्यावरणीय अनुमति न मिलने से कुल कितनी योजनाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन बाद में इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री राकेश सिंह ने खराब सड़कों के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों की हालत खराब है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जा रहा है। साथ ही भविष्य में सड़कों की गुणवत्ता खराब न हो, इसके लिए विभागीय स्तर पर ठोस तैयारी और निगरानी व्यवस्था की जा रही है। उनका कहना था कि सरकार का उद्देश्य केवल निर्माण करना नहीं, बल्कि टिकाऊ और सुरक्षित सड़कें जनता को उपलब्ध कराना है। कुल मिलाकर, लोक निर्माण विभाग के दो साल के रिपोर्ट कार्ड में जहां कुछ नई योजनाओं और सुधारों की झलक दिखाई दी, वहीं पर्यावरणीय स्वीकृतियों से जुड़े लंबित मामलों को लेकर सवाल भी बने रहे, जिनका स्पष्ट जवाब आने वाले समय में दिए जाने की बात मंत्री ने कही।

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