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महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल, क्या साथ आएंगे शरद पवार और अजित पवार, चाचा-भतीजे में क्या चल रहा?Political turmoil in Maharashtra: Will Sharad Pawar and Ajit Pawar join forces? What's going on between the uncle and nephew?

 महाराष्ट्र में 29 महानगरपालिकाओं सहित स्थानीय निकाय चुनावों का ऐलान हो चुका है. इसके लिए वोटिंग 15 जनवरी को और मतगणना 16 जनवरी को कराई जाएगी. यही वजह है कि प्रदेश में सियासी पारा हाई हो चुका है. तमाम सियासी समीकरण बिठाने की कोशिश की जा रही है. एनसीपी और शिवसेना को लेकर भी बड़े संकेत मिल रहे हैं. दोनों गुटों के बीच संभावित युति को लेकर मुंबई में एक अहम बैठक होने जा रही है.


मुंबई में होने वाली इस बैठक में सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार खुद मौजूद रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार के साथ जाने को लेकर कल बड़ा फैसला होने की संभावना है. आज पुणे में बैठकों के बाद अजित पवार मुंबई रवाना होंगे.

बताया जा रहा है कि कल राष्ट्रवादी की बैठक खत्म होने के बाद, उसमें लिए गए फैसले के आधार पर शरद पवार गुट की एनसीपी से आगे की बातचीत की जाएगी. इस बैठक और बातचीत से दोनों ही गुटों को कई उम्मीदें नजर आ रही हैं.

शिवसेना 125 सीटों पर अड़ी

मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को लेकर शिवसेना ने अपना रुख साफ कर दिया है. दादर स्थित वसंत स्मृति में हुई बैठक में पार्टी पदाधिकारियों ने तय किया कि शिवसेना 125 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी.

सूत्रों के अनुसार 2017 में शिवसेना ने 84+4 यानी कुल 88 सीटें धनुष-बाण चुनाव चिन्ह पर जीती थीं. इन सभी सीटों पर शिवसेना ने फिर से दावा ठोका है. बीजेपी ने 2017 में 82 सीटें जीती थीं, जिन्हें भाजपा की सीटें माना जा रहा है. शेष सीटों का डिस्ट्रीब्यूशन आपसी बातचीत से करने का प्रस्ताव शिवसेना की ओर से रखा गया है.

पार्टी नेताओं का मानना है कि 100 से कम सीटें शिवसेना के लिए खतरे की घंटी होंगी, इसलिए 125 सीटों पर पार्टी पूरी तरह अडिग है. वरिष्ठ नेताओं की यह भी भावना है कि विधानसभा चुनाव जैसी स्थिति मनपा चुनाव में दोहराई न जाए.

चाचा-भतीजे में थी नाराजगी

अजित पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी के साथ जाने पर शरद पवार नाराज हो गए थे. उन्होंने कई मौकों पर इसे जाहिर भी किया था. हालांकि पिछले कुछ समय से दोनों चाचा-भतीजों के बीच मुलाकातों का दौर जारी है. ऐसे में माना जा रहा है कि पुरानी गुस्सा अब खत्म होती दिखाई दे रही है. यही वजह है कि दोनों लोगों के एक साथ आने के कयास लगाए जा रहे हैं.

ईडी कार्यालय के खिलाफ कांग्रेस का मोर्चा

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की गई, लेकिन अदालत के फैसले से भाजपा का झूठ उजागर हो गया. इसी के विरोध में मुंबई कांग्रेस कल दोपहर 1 बजे ईडी कार्यालय पर मोर्चा निकालेगी. इस मोर्चे में सभी पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी और ब्लॉक अध्यक्षों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की गई है.

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