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PM मोदी ने की अमित शाह के भाषण की जमकर तारीफ, कहा— विपक्ष के झूठ का किया पर्दाफाशPM Modi highly praised Amit Shah's speech, saying that he exposed the lies of the opposition.

 संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को चुनाव सुधारों (Electoral Reforms) पर बड़ी बहस हुई। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तृत जवाब दिया। उनके भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले तौर पर सराहना की और विपक्ष को घेरने के उनके तर्कों को “तथ्यपूर्ण और मजबूत” बताया।


पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “गृह मंत्री अमित शाह जी का शानदार भाषण। उन्होंने ठोस तथ्यों के साथ हमारी चुनावी प्रक्रिया के अलग-अलग पहलुओं और हमारे लोकतंत्र की ताकत पर प्रकाश डाला और विपक्ष के झूठ का भी पर्दाफाश किया।”

अमित शाह के भाषण में मुख्य रूप से एसआईआर (Systematic Voters Registration Revision—मतदाता सूची में सुधार), चुनाव आयोग की भूमिका, कांग्रेस के आरोप, और चुनावी पारदर्शिता जैसे मुद्दे शामिल थे।

अमित शाह का जवाब: चुनाव आयोग पर झूठ फैलाया गया

लोकसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस और विपक्ष पर एसआईआर को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि चुनाव आयोग सरकार के अधीन नहीं है। वह एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है। कांग्रेस एसआईआर को लेकर झूठ और गलतफहमी फैला रही है। चुनाव आयोग द्वारा समय–समय पर मतदाता सूची की सफाई और जांच (SIR) नई बात नहीं है और यह संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है।

एसआईआर पर क्या कहा अमित शाह ने?

उन्होंने बताया अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग को शक्तियां देता है। अनुच्छेद 326 में मतदाता बनने की पात्रता तय है। अनुच्छेद 327 के तहत एसआईआर करने का अधिकार चुनाव आयोग को मिला है—इसका जिक्र विपक्ष भी नजरअंदाज कर रहा है।

साल 2000 के बाद तीन बार एसआईआर हुआ—

दो बार भाजपा-एनडीए की सरकार

एक बार मनमोहन सिंह की सरकारतब किसी ने आपत्ति नहीं की।

अमित शाह ने कहा कि यदि वोटर लिस्ट शुद्ध न हो, तो चुनाव पवित्र कैसे होंगे?

“घुसपैठिये यह तय नहीं करेंगे कि पीएम-सीएम कौन बने” – शाह

अमित शाह ने विपक्ष को तीखा जवाब देते हुए कहा कि देश का प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री घुसपैठिये तय नहीं करेंगे। यह अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों का है। उन्होंने कहा कि विपक्ष निराधार डर और गलत तथ्यों का सहारा ले रहा है। उनके मुताबिक, एसआईआर इसलिए जरूरी है ताकि— फर्जी वोटर्स हटें, घुसपैठियों के नाम शामिल न हों और चुनावी प्रक्रिया साफ-सुथरी रहे।

विपक्ष पर “बहस भटकाने” का आरोप

गृह मंत्री ने कहा: विपक्ष ने दो दिन तक संसद नहीं चलने दी। आरोप लगाया कि सरकार बहस से भाग रही है—जबकि असल में विपक्ष ने चर्चा को एसआईआर पर केंद्रित कर दिया, जबकि तय चर्चा चुनाव सुधारों पर थी। शाह बोले—“जवाब मुझे देना होगा। मैंने पहले के सभी एसआईआर का अध्ययन किया है और कांग्रेस के फैलाए झूठ का तथ्यात्मक जवाब दे रहा हूं।”

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