सतीश सिंह
सैकड़ों फ्लाइट के रद्द होने और लंबे इंतजार की वजह से 2 और 3 दिसंबर 2025 का दिन इंडिगो एयरलाइन से यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों के लिए नाईटमेयर साबित हुआ, जिसका गवाह रहा भुवनेश्वर, मुंबई, बंगलूरू, अहमदाबाद, दिल्ली आदि एयरपोर्ट। एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल था, न बैठने की व्यवस्था थी, न खाने की और न ही पेयजल का इंतजाम, मोबाइल चार्जिंग के लिए लंबी लाइन लगी थी, लोग जमीन पर बैठे व लेटे हुए थे, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से भी बुरा हाल था। कुछ यात्री लंबे इंतजार और एयरपोर्ट पर कुव्यवस्था के कारण बीमार हो गए।
उन्हें अस्तपताल जाना पड़ा, बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की हालत बदतर और दयनीय थी।किसी की कनेक्टिंग फ्लाइट छूटी, तो किसी का ऑफिस तो किसी की बिजनेस मीटिंग, दूल्हा मंडप तक नहीं पहुंच पाया, कमरों की बुकिंग कैंसिल करनी पड़ी और कई दूसरी तरह के नुकसान झेलने पड़े। मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ा। दूसरी तरफ गिद्ध की तरह दूसरे एयरलाइन्स यात्रियों की जेबों पर नजर गड़ाए हुए थे। भुवनेश्वर से मुंबई का किराया 15,000-48,000 रुपये तक पहुंच गया था। दूसरे शहरों के लिए भी किराया आसमान को छू रहा था। टैक्सी वाले मनमाना किराया वसूल रहे थे तो एयरपोर्ट के आस-पास स्थित होटलों ने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए कमरे का किराया बढ़ा दिया था।हवाई यात्री बेचारे और निरीह थे।
इंडिगो एयरलाइन का कोई भी सीनियर अधिकारी मौके पर उपलब्ध नहीं था। जो थे, वे लगातर झूठ बोल रहे थे। उदाहरण के तौर पर 2 दिसंबर को भुवनेश्वर से मुंबई जाने वाली फ्लाइट संख्या 6ई-5127 जो रात्रि के 9 बजे उड़ान भरने वाली थी के बारे में पहले तो बताया कि यह लेट है, फिर 11:40 बजे बताया गया कि यह फ्लाइट मुंबई से भुवनेश्वर के लिए प्रस्थान कर चुकी है, पुनः 11:44 बजे उक्त फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया।भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिल होने के बाद प्लान “बी” के तहत वैसे फ्लाइट में यात्रा करने के ऑफर यात्रियों को दिए गए, जो स्वीकार्य नहीं थे। यही नहीं, यात्रियों से लगातार से लगातार झूठ बोला गया और भ्रामक सूचना दी गई। क्या इंडिगो एयरलाइन के सॉरी बोलने या माफी मांगने से यात्रियों द्वारा सही गई मानसिक प्रताड़ना और आर्थिक नुकसान की भरपाई हो जाएगी?
सबसे दिलचस्प और दुखदाई है, इंडिगो एयरलाइन के प्रवक्ता द्वारा यह कहना कि मामूली तकनीकी गड़बड़ियों, मौसम की प्रतिकूल स्थिति, हवाई अड्डे पर भीड़-भाड़ और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों (एफडीटीएल) को मूर्त रूप देने के कारण कुछ उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जबकि कुछ में देरी हुई। क्या यह बयान असंवेदनशील और यात्रियों के घाव पर नमक छिड़कने वाला नहीं है?एफडीटीएल 1 नवंबर से लागू किया गया, लेकिन एविएशन रेगुलेटर, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने इसे अमलीजामा पहनाने के लिए सभी एयरलाइन्स को 2 साल का समय दिया था। दूसरे एयरलाइंस ने इसे समय से अमलीजामा पहनाया, जिससे उन्हें किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। इंडिगो एफडीटीएल के नियमों को अच्छी तरह से जानता है और बीते वर्षों से इसे लागू करने की जगह कॉस्ट-कटिंग को प्राथमिकता देती रही।
एयरलाइन का मामले में यह कहना कि उसे इस संभावित टर्बुलेंस का पता नहीं था सरासर झूठ और बेसिर पैर का तर्क है। बहरहाल, इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस स्कोर 80 प्रतिशत से गिरकर 2 दिसंबर को 35 प्रतिशत रह गया, जो सभी भारतीय एयरलाइन्स में सबसे कम था।दिल्ली हवाई अड्डे पर 2 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे के बीच इंडिगो की करीब 38 उड़ानें रद्द की गईं। इनमें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों उड़ानें शामिल थीं।
मुंबई हवाई अड्डे पर इस दौरान 33 उड़ानें रद्द की गईं। विगत तीन दिनों में इंडिगो ने 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द की।देखा जाए तो हवाई यात्री बस या रेलवे की यात्री से भी ज्यादा बेचारे, मजबूर और असहाय हैं। फ्लाइट के खिलाफ या कर्मचारियों से बहस करने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें ब्लैकलिस्ट होने का डर होता है। मौजूदा परिदृश्य में सरकार को समीचीन कदम उठाने की जरूरत है।

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