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MP में विरासत संजोने की पहल, इंदौर-भोपाल हाईवे पर बनेगा सम्राट विक्रमादित्य द्वार, CM मोहन ने किया भूमि पूजनAn initiative to preserve heritage in Madhya Pradesh: The Samrat Vikramaditya Gate will be built on the Indore-Bhopal highway; CM Mohan performed the groundbreaking ceremony.

 भोपालः मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने विरासत को संजोने की मुहिम शुरू कर दी है। इसी क्रम में शनिवार को भोपाल में सम्राट विक्रमादित्य द्वार का भूमि पूजन किया गया है। राज्य सरकार ने राजधानी में महापुरुषों के नाम द्वार स्थापित करने का फैसला लिया है।मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन अद्भुत संयोग का साक्षी बन रहा है। राज्य सरकार के विकास और सेवा को समर्पित दो वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और भोपाल की धरती पर भी इतिहास लिखा जा रहा है। हमारा भोपाल विरासत और विकास की दिशा में एक ओर कदम आगे बढ़ा रहा है।


प्रदेश में विरासत संजोने का प्रयास

सीएम ने कहा कि एक तरफ भोपाल में भव्य विक्रमादित्य द्वार का भूमि पूजन कर हम प्रदेश की विरासत संजोने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, शहर को स्वच्छ, सुलभ और प्रदूषण रहित परिवहन सेवा देने के लिए पीएम ई-बस सेवा योजनांतर्गत अत्याधुनिक ई-बस डिपो का भूमिपूजन सम्पन्न हो रहा है। राज्य सरकर के इन प्रयासों से भोपाल क्षेत्र विरासत और विकास के श्रेष्ठ उदाहरण के रूप में विकसित होगा।

भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम पर भी बनेंगे द्वार

मुख्यमंत्री यादव ने आगे कहा कि प्रदेश के गौरवशाली अतीत और समृद्ध संस्कृति को अभिव्यक्त करते राजधानी भोपाल में 9 स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। भोपाल में परमार वंश के कुलदीपक राजा भोज, सम्राट विक्रमादित्य, श्रीराम, श्रीकृष्ण के नाम पर भी भव्य स्वागत द्वार बनेंगे। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक शहरी विकास से जोड़ा गया है।

फिर बदलेगा एक गांव का नाम

मुख्यमंत्री यादव ने कार्यक्रम स्थल पर सर्वप्रथम महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद सम्राट विक्रमादित्य स्वागत द्वार और भोपाल में पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत अत्याधुनिक ई-बस डिपो का भूमि-पूजन किया। सीएम यादव ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत मिट्टी निकालकर बड़े तालाब को गहरा किया जाएगा, इससे खेतों में पानी भरने की समस्या का समाधान होगा। क्षेत्रीय मांग पर ग्राम फंदा का नाम बदलकर हरिहर नगर करने संबंधी प्रस्ताव पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण से देश की पहचान है। उनसे हम जीवन में रिश्तों की महत्ता को समझ सकते हैं। मध्य प्रदेश के साथ कई इतिहास जुड़े हैं। वीर विक्रमादित्य दुनिया की किसी ताकत के आगे नहीं झुके। उनकी वीरता, गंभीरता, दानशीलता, न्यायप्रियता सर्वविदित है। उनके जीवन में जनता ही भगवान थी। उनकी प्रभावशीलता के परिणामस्वरूप ही अनेक राजाओं ने विक्रमादित्य उपाधि ग्रहण की। सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित सुशासन, न्यास और सुरक्षा की व्यवस्था आज भी श्रेष्ठ शासन व्यवस्था के लिए अनुकरणीय है।

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