इंडिगो की वजह से देश के एविएशन सेक्टर में पिछले दिनों मची अफरा-तफरी की अहम वजह पायलटों की कमी होना नहीं बल्कि इंडिगो का खुद का ऑटोमैटिक रोस्टर सिस्टम गड़बड़ाना बताया जा रहा है।सूत्र ने बताया कि नवंबर महीने में कई घटनाएं घटीं। इसमें सबसे बड़ी समस्या अमेरिका में 30 अक्टूबर को जेट ब्लू एयरलाइंस की एयरबस-320 वाली एक फ्लाइट में घटी घटना रही। जिसके बाद दुनियाभर में एयरबस-320 फैमिली के सभी प्लेन में एक सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए कहा गया।
प्लेन और पायलटों का रोस्टर गड़बड़ाया
29 नवंबर से 30 नवंबर की सुबह 5:29 बजे तक सॉफ्टवेयर अपडेट करना था। इंडिगो को 200 प्लेन में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करना था। प्रेशर में इंडिगो ने भारत में अपने छह मेंटिनेंस सेंटरों पर सभी प्लेन को किसी ना किसी एक सेंटर में होते हुए उड़ाया। इससे उसके प्लेन और पायलटों का रोस्टर गड़बड़ा गया। इंडिगो का सिस्टम इसे सहन नहीं कर पाया।
नहीं संभले हालात
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद इंडिगो ने अपने इस रोस्टर को मेनुअली और ऑटोमैटिक दोनों तरीके से चलाने की कोशिश की। लेकिन यह संभल नहीं पाया और दो दिसंबर से हालत बद से बदतर होते गए।दिसंबर की शुरूआत में ही इंडिगो की कई फ्लाइट एक के बाद एक कैंसिल होना शुरू हो गई। जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इंडिगो संकट का मुद्दा राज्यसभा और लोकसभा में भी उठाया गया। साथ ही चर्चा की भी मांग की गई। वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करने से मना कर दिया। सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट जाने का निर्देश जारी किया था।

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