हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बच्चों के राधे राधे बोलने पर सवाल उठाया।
कांग्रेस और उसके नेताओं को अब सनातन धर्म से जुड़े राधे राधे बोलने पर भी चिढ़ हो गई है। यह बात 28 नवंबर को हिमाचल प्रदेश की अस्थायी राजधानी धर्मशाला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मॉर्निंग वॉक के समय प्रदर्शित हुई। चूंकि शीतकाल में हिमाचल की राजधानी शिमला से धर्मशाला हो जाती है, इसलिए कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुक्खू धर्मशाला में ही निवास कर रहे है। 28 नवंबर को मॉर्निंग वॉक के समय सीएम सुक्खू जब एक मंदिर के सामने से गुजरे तो मंदिर के बाहर खड़े बच्चों ने सुक्खू से राधे राधे किया। बच्चों के राधे राधे बोलने पर सीएम ने पूछा कि तुम राधे राधे क्यों बोलते हों? सुक्खू ने जिस अंदाज में राधे राधे बोलने पर सवाल उठाया उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि मुख्यमंत्री को अपने प्रदेश के बच्चों को राधे राधे बोलने पर आपत्ति है। सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस और उसके नेताओं से सनातन धर्म से जुड़े राधे राधे बोलने से इतनी चिढ़ क्यों हैं?
जबकि हिमाचल प्रदेश को तो देवभूमि माना जाता है। सनातन धर्म के पौराणिक स्थल हिमाचल में ही है। भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश पर्वत का बड़ा हिस्सा हिमाचल में ही है। जानकारों की माने तो गत चुनावों में कांग्रेस की जीत पर सुक्खू ने कहा था कि हिमाचल में सनातन के अनुयायियों को हराकर कांग्रेस ने जीत हासिल की है।
तब भी सुक्खू की सनातन विरोधी मानसिकता सामने आई थी। यह सही है कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन सनातन विरोधी विचारों के चलते कांग्रेस को देश भर में हार का सामना करना पड़ रहा है। जिस कांग्रेस पार्टी ने देश पर पचास वर्षों से भी ज्यादा समय तक राज किया, वह गत तीन लोकसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित हो रही है। देश में हिमाचल सहित सिर्फ तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार रह गई है। इतनी बुदी दशा के बाद भी कांग्रेस के नेता सनातन धर्म से चिढऩे वाली बातें प्रदर्शित करते हैं। मीडिया में अब सीएम सुक्खू के इस व्यवहार की आलोचना हो रही है, लेकिन सुक्खू ने अभी तक भी अपने कृत्य के लिए खेद प्रकट नहीं किया है।

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