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इंदौर बनेगा झुग्गी मुक्त शहर, गरीबों को मिलेगा पक्का आशियाना, अगले तीन साल में बनेंगे डेढ़ लाख मकानIndore will become a slum-free city, and the poor will get permanent homes; 150,000 houses will be built in the next three years.

 इंदौर। स्वच्छता में देशभर में पहचान बना चुका इंदौर अब हरित और झुग्गीमुक्त शहर बनने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को स्थायी पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इंदौर की झुग्गी बस्तियों के पुनर्वास को लेकर अहम निर्णय लिए गए हैं। बैठक में अगले तीन वर्षों के भीतर करीब डेढ़ लाख पक्के आवासों के निर्माण के निर्देश दिए गए हैं, 

जिसके लिए शहर में 10 स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है और उनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना का मूल उद्देश्य ही शहरों को झुग्गीमुक्त बनाना है। इंदौर में बीते कई वर्षों से इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शहर के तेजी से विस्तार, जमीनों के दाम बढ़ने और अवैध कॉलोनियों के फैलाव के कारण झुग्गी-झोपड़ियों की संख्या भी बढ़ती चली गई। महंगी जमीन के चलते गरीब तबका मजबूरी में खाली पड़ी जमीनों पर झुग्गियां और अस्थायी मकान बना लेता है, जिन्हें कई बार राजनीतिक संरक्षण भी मिल जाता है।

पूर्व में भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंदौर में हजारों फ्लैटों का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही कॉलोनाइजरों को उनके प्रोजेक्ट्स में गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए आवास उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाते रहे हैं। नगर निगम द्वारा शहर के कई इलाकों में बहुमंजिला इमारतें बनाई गईं, हालांकि कुछ स्थानों पर निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल भी उठे और कई मकान कुछ ही वर्षों में रहने लायक नहीं रह पाए। इंदौर के समग्र विकास को नई गति देने के लिए ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर के लिए कई बड़ी घोषणाएं और निर्देश दिए। इसमें इंदौर को झुग्गीमुक्त बनाने का प्रस्ताव भी प्रमुख रहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले तीन साल में डेढ़ लाख आवासों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए, ताकि गरीब परिवारों को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन मिल सके। 

बैठक में इंदौर को खेलों की राजधानी के रूप में और मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। नए खेल मैदान विकसित किए जाएं, एस्ट्रोटर्फ जैसी आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जाएं, ताकि इंदौर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का प्रमुख केंद्र बन सके। इसके साथ ही प्रदेश में रोजगार सृजन को लेकर भी कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने रोजगार देने वाले विश्वविद्यालयों की स्थापना, मालवा क्षेत्र में फूड पार्क की संभावनाओं को बढ़ाने, मेडिकल टूरिज्म, वेलनेस सेंटर और आईटी सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निवेश और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें साकार करने के लिए निवेशक सम्मेलन आयोजित किए जाएं। कुल मिलाकर, सरकार का लक्ष्य इंदौर को सिर्फ स्वच्छ और सुंदर ही नहीं, बल्कि झुग्गीमुक्त, आत्मनिर्भर और रोजगार के अवसरों से भरपूर आधुनिक शहर के रूप में विकसित करना है।

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