आलोक एम इन्दौरिया
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को एक मुख्यमंत्री के रूप में 2 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। आज से 730 दिन यानी 2 साल पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्मिलित हुए डॉक्टर मोहन यादव को यह सपने में भी इल्म नहीं होगा कि वह देश के हृदय प्रदेश के रूप में जाने जाने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उनका नाम जब मुख्यमंत्री पद के लिए निवृत्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्तावित किया तो इस बैठक में मौजूद वरिष्ठ विधायक समेत पुराने मंत्री और स्वयं डॉक्टर मोहन यादव तक अवाक हो गए थे क्योंकि यह नाम न केबल सभी को अचंभित कर देने वाला था बल्कि सोचने पर भी बिवश कर देने वाला था
। बेशक मोहन यादव मध्य प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं के बीच तत समय एक बहुत बड़ा नाम नहीं था मगर पर्यटन निगम के अध्यक्ष और उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में वे अपनी एक विशिष्ट पहचान तो बना चुके थे। विगत 730 दिन में उन्होंने प्रदेश में जो काम जमीन पर कर दिखाया है ,मध्य प्रदेश को एक नई उड़ान दी है, मध्य प्रदेश को देश में स्थापित करने का जो काम किया है उसने इस बात पर मोहर लगाई है कि आलाकमान के द्वारा उन्हें चुना जाना एक सही और सटीक निर्णय था और वे वाला कमान की उसे निर्णय पर सौ प्रतिशत खरे ही उतरे हैं ।उनका 730 दिन का सफलता से भरा हुआ सफर इस बात की ओर इंगित कर रहा है कि आगामी 3 वर्ष में प्रदेश सेवा, सुशासन, विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में एक नई और खूबसूरत इमारत रहेगा इसमें संदेह नहीं है।
छात्र जीवन से बेहद सक्रिय रहे मोहन यादव मूलत विद्यार्थी परिषद का प्रोडक्ट है और संघ की राष्ट्रवादी विचारधारा को अपने जीवन में आत्मसात करके वह छात्र जीवन में विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे बल्कि उज्जैन के नगर मंत्री से सफर प्रारंभ करके हुए विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय मंत्री के पद तक पहुंचे। इसके अतिरिक्त एक स्वयंसेवक के रूप में उन्होंने संघ में नगर सह खंड कार्यवाह से लेकर नगर कार्यवाह जैसे पदों का दायित्व भी संभाला। उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करते हुए 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण की विधायक बने 2018 में दूसरी बार विधायक बने और उच्च शिक्षा मंत्री के पद को संभाला।
2023 में विधायक निर्वाचित होने के साथ-साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुये। यानी संघ के एक साधारण स्वयंसेवक और विद्यार्थी परिषद के साधारण कार्यकर्ता के रूप में निरंतर काम करते-करते मुख्यमंत्री बन जाना बेशक ग्रहों के राजयोग का कमाल हो सकता है मगर इस के साथ ही उनका मुख्यमंत्री पद पर चुनाव भाजपा का एक बेहद सामान्य मगर योग्य और गनी कार्यकर्ता को उसकी अच्छी भूमिका देने की नीति का भी परिणाम है। इस पद पर बने रहकर प्रशासनिक कसावट, प्रदेश का विकास और अंतिम छोर तक के व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचे यह सुनिश्चित करना यकीनन गंभीर और बड़ी चुनौती होती है।और इन दो सालों में वे एक मजबूत और दमदार मुख्यमंत्री के रूप में न केवल स्थापित हुए बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी एक बहुत मुकम्मल पहचान बन चुकी है जिस पर मोदी और शाह की जोड़ी भरोसा करती है
। इन 730 दिन के कामों की फेहरिस्त पर यदि आप नजर डालेंगे तो पाएंगे की हेल्थ, एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, विकास, उद्योग, सिंचाई, कृषि महिला बाल, विकास पंचायत समैत ऐसा कौन सा क्षेत्र है जहां इन दो सालों में काम ना हुआ हो ? इन 2 सालों की फहरीस्त इतनी लंबी है कि उन पर गर्व किया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर मोहन यादव इसे गर्व का विषय नहीं मानते बल्कि इस मौके पर उनका सारा ध्यान केवल और केवल इस बात पर केंद्रित है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य शासन के द्वारा प्रारंभ की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को हर हालत में मिले साथ ही कोई भी शोषण और वंचित इससे वंचित न रह सके।
इसी के चलते उन्होंने जन कल्याणकारी कार्यों को निरंतर एवं विस्तार की नीति अपनाई और उसे पर ठोस और सकारात्मक काम किया।
मोहन शासन में इन 730 दिनों में विकास ने गति पकड़ी है और लाखों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्रदेश में आए हैं। सरकार की योजना है कि एक ही दिन में ढाई लाख करोड़ के कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण करवाया जाए। क्षेत्रीय औद्योगिक परिषदों से जहां दो लाख रोजगार के अवसर जहां सृजित होंगे वहीं तीन लाख करोड रुपए के निवेश किया जाना भी सुनिश्चित हुआ है। निर्यात के लक्ष्य को भी एक लाख करोड़ पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है और 1 साल में 6% से अधिक निर्यात मध्य प्रदेश से बढा है।
मध्य प्रदेश में 327 इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो गया है जिसमें 40 हजार से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं । इसी तरह इंदौर और भोपाल मेट्रो भी शुरू होने जा रही है।सन 2028 में होने जा रहे हैं उज्जैन के सिंहस्थ को लेकर जबरदस्त तैयारी जारी है जिसके लिए कई करोड़ रुपए का प्रावधान करके सरकार ने योजना वदध तरीके से काम शुरू कर दिया है।साइबर तहसीलों और तत्काल नामांतरण की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया है और डिजिटल पहल से संपत्ति नामांतरण स्वत संभव हुआ है। प्रदेश में जीएसटी संग्रह में 26% की वृद्धि हुई है और कर्ज भार दो प्रतिशत घटा है। कृषि , डेयरी तथा सहकारिता को मजबूत करके दुगना दूध उत्पादन के लक्ष्य से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत दिशा मिलेगी ।लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार के साथ सिंचाई क्षमता में वृद्धि और प्रधानमंत्री जन मन अवास का तेजी से निर्माण किया गया है।
अपने डॉक्टर पुत्र का विवाह उन्होंने सामूहिक विवाह सम्मेलन से करके सामाजिक सद्भाव, समरसता और सादगी का सारे देश में एक ऐसा नवाचार प्रस्तुत किया है जिसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है। शिक्षा ,स्वास्थ्य, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में रिकॉर्ड बजट के साथ राज्य औसत से आगे निकला है। 950 महिला ऊर्जा डेस्क और हर जिले में एक महिला थाना स्थापित किया गया है इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 47 लाख महिलाओं को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का काम भी किया गया है। मनरेगा के तहत खेत तालाब अमृत सरोवर और सामुदायिक संरचनाओं के निर्माण के साथ वॉटरशेडों पर भी काम चल रहा है
और सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ने के काम में लगा है ।भावांतर योजना के माध्यम से किसानों को उपज का सही मूल्य देने के प्रयास के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त किसानों को 1800 करोड़ की राहत राशि का वितरण भी किया गया है ।पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को प्रारंभ करने के लिए योजना पूरी तरह तैयार है और 2026 में शुरुआत का लक्ष्य है। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई और भ्रष्ट अफसर को दंडित करने का ठोस काम मोहन सरकार कर रही है।
प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधार करने के लिए भी गंभीरता से काम किया गया है और खासकर प्रदेश को नक्सली विहीन करने के लिए बालाघाट क्षेत्र में जो मोहिम चलाई गई है उसने अब तक कई नक्सलियों का खात्मा किया है ।वही हाल ही में दो करोड़ 36 लाख के 10 नक्सलियों ने सिरेंडर करके नक्सली मुहिम को घुटनों पर ला दिया है। बालाघाट मंडला और डिंडोरी जिले नक्सल उन्मूलन के चलते अब लगभग शांत है। प्रदेश में बल की कमी को दूर करने के लिए 7000 से अधिक सिपाहियों की भर्ती की जा रही है वही सिंहस्थ के मददेनजर लगभग 5000 होमगार्ड की भी भर्ती की घोषणा डा मोहन यादव ने की है।
मोहन शासन के ये काम तो महज बानगी है जबकि फैहरीस्त इससे कहीं लंबी है क्योंकि सभी कामों का उल्लेख करना संभव नहीं है ।यदि इन कामों की भारी भरकम सूची को देखा जाए तो लगेगा की मोहन यादव के शासन के 730 दिन निश्चित रूप से उपलब्धि पूर्ण माने जा सकते हैं। उन्होंने जहां प्रशासनिक कसावट का काम किया तो वही विकास के पहिए को तेज गति से दौड़ा कर आम आदमी तक शासकीय योजना का लाभ पहुंचे यह सुनिश्चित किया। खास बात है कि मोहन यादव का न केवल संघ से बेहतर तालमेल है बल्कि आला कमान और संगठन से बेहतर सामंजस्य स्थापित करके भी शासन चला रहे हैं ।मोहन यादव का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यह है की प्रदेश में उनका अपना कोई गुट ही नहीं है
और वह अपने से वरिष्ठ, समकक्ष और जूनियर यानी सभी विधायक और नेताओं से समभाव रखते हुए न केवल प्रेम से मिलते हैं, संवाद करते हैं बल्कि उनकी इन सभी के बीच उनकी स्वीकार्यता भी है। उनके बेमिसाल दो साल इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बाकी आगामी 3 साल में मध्य प्रदेश सभी क्षेत्रों में बेहद तेज गति से सफलता की एक नई इबारत लिखेगा । उम्मीद है एक सफल और यशस्वी मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव विकास के रथ पर प्रदेश को अरुढ कराकर इस प्रदेश को देश के सफल राज्यों मे अपना स्थान सुनिश्चित करने में सफल रहेंगे जहां विकास तो हो ही आपसी भाईचारा,सौहार्द और गंगा जमुनी तहजीब भी फले फूले।

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