भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम के भीतर एक बड़े सरिया घोटाले का मामला सामने आया है, जिसने निर्माण कार्यों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि केवल 240 मीटर लंबी और करीब 3 फीट चौड़ी एक साधारण नाली के निर्माण कार्य में रिकॉर्ड में 16 टन से अधिक लोहा खपा दिया गया। यह सारा खेल कागजों पर ही दिखाया गया, जबकि वास्तविक स्थिति इससे बिल्कुल अलग बताई जा रही है। यह पूरा मामला नगर निगम के वार्ड क्रमांक 53 अंतर्गत भेल संगम कॉलोनी का है, जहां एक छोटी नाली को केवल आरसीसी से ढंकने का कार्य किया गया था। निगम के दस्तावेजों के अनुसार, इस मामूली से काम में 16 हजार 139 किलोग्राम सरिया इस्तेमाल किया गया। निर्माण विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी कम लंबाई और चौड़ाई की नाली में इतनी भारी मात्रा में सरिया लगना तकनीकी रूप से भी संदेह के घेरे में आता है।
सूत्रों के मुताबिक, इस कार्य में तैनात निगम इंजीनियरों ने बिना स्थल निरीक्षण किए ही करीब 13 लाख रुपए का भुगतान पास कराने की तैयारी कर ली थी। यह बात सामने आने के बाद नगर निगम के उच्च अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने तत्काल नाली की कोर कटिंग कराने के आदेश दिए, ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके और यह पता चल सके कि वास्तव में कितना सरिया उपयोग में लिया गया है।
इस पूरे प्रकरण में सहायक अभियंता निशांत तिवारी की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है, जिनके द्वारा रिकॉर्ड में सरिया की भारी खपत दर्ज की गई थी। वहीं प्रभारी कार्यपालन यंत्री बृजेश कौशल की भूमिका को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान कार्यपालन यंत्री ने एक बार भी स्थल का निरीक्षण नहीं किया, जो अपने आप में नियमों की खुली अनदेखी मानी जा रही है। जानकारी के अनुसार, 5 दिसंबर को इस मामले में नोटिस जारी किया गया था और 8 दिसंबर को स्थल निरीक्षण भी किया गया। इसके बावजूद अब तक कार्यपालन यंत्री बृजेश कौशल द्वारा नगर निगम आयुक्त को कोर कटिंग की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। इस देरी को लेकर भी निगम प्रशासन के भीतर असंतोष है और माना जा रहा है कि जांच आगे बढ़ने पर और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। नगर निगम में सामने आए इस सरिया घोटाले ने एक बार फिर शहरी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही की तस्वीर को उजागर कर दिया है। अब सबकी निगाहें कोर कटिंग की रिपोर्ट और आगे होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं, जिससे यह तय हो सके कि इस कथित घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कदम उठाए जाते हैं।

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