केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को फिर कहा कि जनगणना 2027 में जाति की गिनती की जाएगी, और यह प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से की जाएगी. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में कहा, "जनगणना 2027 डिजिटल तरीके से की जाएगी. मोबाइल ऐप्स के जरिये डेटा इकट्ठा किया जाएगा, साथ ही खुद से गिनती करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की जाएगी. पूरी प्रक्रिया की एक वेब पोर्टल के जरिये निगरानी की जाएगी."
लोकसभा में उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए राय ने कहा कि जनगणना के पहले चरण, यानी घरों का नामांकन और आवास जनगणना का पूर्व-परीक्षण 16 अक्टूबर, 2025 के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुने हुए सैंपल इलाकों में आयोजित किया गया है.
कांग्रेस सांसद चमाला किरण कुमार रेड्डी और भाजपा सांसद एटेला राजेंद्र के सवाल के जवाब में राय ने कहा, "जनगणना 2027 में, जाति की गिनती राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) के 4 अप्रैल, 2025 के फैसले के अनुसार की जाएगी."
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उठाए गए एक और सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जनगणना 2027 दो चरणों में होगी, पहला चरण – हाउस लिस्टिंग और आवास जनगणना अप्रैल से सितंबर, 2026 तक, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों की सुविधा के हिसाब से 30 दिनों के समय में होगा, उसके बाद दूसरा चरण– जनसंख्या गणना (PE) होगा.
राय ने कहा, "जनसंख्या गणना फरवरी 2027 में की जाएगी, जिसकी संदर्भ तिथि (reference date) 1 मार्च 2027 को 00:00 बजे होगी. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फ से ढके क्षेत्रों को छोड़कर, जहां यह सितंबर 2026 में किया जाएगा, जिसकी संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2026 को 00:00 बजे होगी."
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार का जनगणना के सवालों का ड्राफ्ट पब्लिश करने और इन सवालों पर आम जनता या लोगों के प्रतिनिधियों से इनपुट लेने का कोई प्रस्ताव है, राय ने कहा कि जनगणना प्रश्नावली को हर जनगणना से पहले अलग-अलग मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डेटा यूजर आदि से मिले इनपुट और सुझावों के आधार पर अंतिम रूप दिया जाता है.
उन्होंने कहा, "मसौदा जनगणना प्रश्नावली को अंतिम रूप देने से पहले उनकी व्यवहार्यता का अंदाजा लगाने के लिए फील्ड में पूर्व-परीक्षण किया जाता है. जनगणना नियमन, 1990 के नियम 6 के अनुसार, जनगणना प्रश्नावली को केंद्र सरकार नियम के सेक्शन 8 के सब-सेक्शन (1) के तहत ऑफिशियल गैजेट के जरिये अधिसूचित करती है."
राय ने आगे कहा, "जनगणना का इतिहास 150 साल से भी ज्यादा पुराना है. अगली जनगणना करने के लिए पिछली जनगणना से मिली सीख को ध्यान में रखा जाता है. हर जनगणना से पहले संबंधित हितधारकों से भी इनपुट लिए जाते हैं."
तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के एक सवाल पर कि क्या जनगणना अभियान के लिए शिक्षकों को गणनाकर्ता के तौर पर रखा जाएगा, राय ने कहा, "जनगणना के दौरान, प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को आमतौर पर गणनाकर्ता के तौर पर नियुक्त किया जाता है. जनगणना 2027 के लिए टाइमलाइन पिछली जनगणना में अपनाए गए तरीकों की तरह ही रखी गई है."
जब राय से पूछा गया कि जनगणना में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों, और दूसरी जातियों के नाम और कुल संख्या कितनी होगी, जिन्हें लिस्ट किया जाएगा, तो उन्होंने कहा, "जनगणना में, अनुसूचित जातियों (SCs) और अनुसूचित जनजातियों (STs) की गिनती पूरी तरह से SCs और STs की नोटिफाइड लिस्ट के अनुसार की जाती है, जिसे संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, 1950 (समय-समय पर संशोधित) के जरिये अधिसूचित किया गया है."

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