भोपाल। मध्यप्रदेश की प्रशासनिक राजधानी भोपाल में आज आईएएस अधिकारियों की बहुप्रतीक्षित सर्विस मीट-2025 का औपचारिक शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित समारोह में मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन की तीन दिवसीय सर्विस मीट का उद्घाटन किया। यह आयोजन 21 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें प्रदेशभर के वरिष्ठ और नव नियुक्त आईएएस अधिकारी अपने परिवारों के साथ सहभागिता कर रहे हैं।
शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आपसी संवाद, समन्वय और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर बॉन्डिंग और आपसी समझ से शासन व्यवस्था और अधिक प्रभावी बनती है, जिसका सीधा लाभ आम जनता तक पहुंचता है। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को आयोजन की शुभकामनाएं देते हुए इसे प्रशासनिक सेवा में नई ऊर्जा भरने वाला बताया
। इस सर्विस मीट में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर निगम आयुक्त, अपर कलेक्टर, एसडीएम और सहायक कलेक्टर सहित फील्ड में पदस्थ सभी आईएएस अधिकारी शामिल हो रहे हैं। इसके साथ ही सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी और हाल ही में नियुक्त युवा आईएएस अफसर भी इस आयोजन का हिस्सा बने हैं, जिससे अनुभव और नवाचार का सुंदर समन्वय देखने को मिल रहा है
। तीन दिवसीय आयोजन के दौरान खेलकूद प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजन से जुड़े विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इस बार सर्विस मीट को विशेष रूप से परिवार-हितैषी और सहभागिता आधारित स्वरूप दिया गया है, ताकि अधिकारी अपने व्यस्त प्रशासनिक जीवन से कुछ समय निकालकर परिवार के साथ सहज और सौहार्दपूर्ण वातावरण में जुड़ सकें। अधिकारियों के बच्चों और परिजनों के लिए भी विशेष गतिविधियों का आयोजन किया गया है।
मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सर्विस मीट का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि अधिकारियों के बीच आपसी विश्वास, संवाद और सहयोग को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन प्रशासनिक तनाव को कम करने के साथ-साथ कार्यक्षमता और नेतृत्व क्षमता को भी सशक्त बनाते हैं।आईएएस सर्विस मीट-2025 को लेकर अधिकारियों और उनके परिवारों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह आयोजन न केवल प्रशासनिक तंत्र में नई ऊर्जा का संचार करेगा, बल्कि बेहतर शासन, संवेदनशील प्रशासन और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में भी सकारात्मक भूमिका निभाएगा।


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