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₹11 का शेयर बना डेढ़ लाख का तूफान, सोने की चमक भी पड़ी फीकी; 100 शेयर खरीदने वाला बना करोड़पतिA stock worth ₹11 turned into a ₹1.5 lakh windfall, even dimming the shine of gold; someone who bought just 100 shares became a millionaire.

 नई दिल्ली। निवेश की दुनिया में सोना हमेशा से सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना जाता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में खासकर बीते एक दशक के दौरान सोने ने जबरदस्त रिटर्न दिया है और लगातार नए रिकॉर्ड बनाए हैं। लेकिन शेयर बाजार में एक ऐसा स्टॉक भी है, जिसने रिटर्न के मामले में सोने को बहुत पीछे छोड़ दिया और निवेश की सोच ही बदलकर रख दी। यह स्टॉक है देश की दिग्गज टायर कंपनी एमआरएफ, जिसने लंबी अवधि में निवेश करने वालों को हैरान कर देने वाला मुनाफा दिया है।


एमआरएफ का शेयर अप्रैल 1993 में महज 11 रुपये के भाव पर शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। उसी समय अगर सोने की बात करें तो करीब 32 साल पहले 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 4140 रुपये प्रति दस ग्राम थी। उस दौर में शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि आने वाले वर्षों में एक टायर कंपनी का शेयर रिटर्न के मामले में सोने को इस कदर मात दे देगा। लेकिन समय के साथ एमआरएफ ने ऐसा कमाल किया, जो आज निवेश की मिसाल बन चुका है।

आज एमआरएफ के एक शेयर की कीमत करीब 1,52,000 रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है, जबकि सोने की कीमत करीब 1,32,000 रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास है। यानी कीमत के लिहाज से भी एमआरएफ का एक शेयर अब दस ग्राम सोने से ज्यादा महंगा हो चुका है। यही नहीं, रिटर्न के मामले में तो यह अंतर और भी चौंकाने वाला है।

अप्रैल 1993 में 11 रुपये पर लिस्ट हुए एमआरएफ के शेयर ने करीब 32 साल में निवेशकों को लगभग 13,87,672 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि जिसने इस शेयर में धैर्य रखा, उसका पैसा हजारों गुना बढ़ गया। अगर किसी निवेशक ने उस समय एमआरएफ के सिर्फ 10 शेयर 110 रुपये में खरीदे होते, तो आज उनकी कीमत 15 लाख 26 हजार रुपये से ज्यादा होती। वहीं जिसने 100 शेयर खरीदे होते, वह आज करोड़पति बन चुका होता।

दूसरी ओर, साल 1993 में अगर किसी व्यक्ति ने 24 कैरेट गोल्ड में निवेश किया होता और 41400 रुपये में 100 ग्राम सोना खरीदा होता, तो आज उसकी कीमत करीब 13 लाख 20 हजार रुपये के आसपास होती। 32 साल की इस लंबी अवधि में सोने ने करीब 3088 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह रिटर्न अपने आप में शानदार है, लेकिन एमआरएफ के मुकाबले यह कहीं नहीं टिकता।

कीमत और रिटर्न, दोनों ही मामलों में तुलना करें तो साफ नजर आता है कि एमआरएफ का शेयर सोने पर पूरी तरह भारी पड़ा है। जहां सोने ने तीन दशकों में निवेश को लगभग 30 गुना किया, वहीं एमआरएफ ने निवेशकों की रकम को हजारों गुना बढ़ा दिया। रिटर्न के लिहाज से एमआरएफ का प्रदर्शन सोने से करीब 450 गुना ज्यादा रहा है।

यह कहानी सिर्फ एक शेयर या एक धातु की नहीं है, बल्कि यह सबक देती है कि लंबी अवधि में सही कंपनी में किया गया निवेश किस तरह किस्मत बदल सकता है। एमआरएफ का शेयर आज उन निवेशकों के लिए प्रेरणा बन चुका है, जिन्होंने धैर्य, भरोसे और समय की ताकत को समझा और बाजार में टिके रहे।

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