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फलस्तीनी राजदूत ने की भारत को UNSC में शामिल करने की मांग, बोले- हमारी सुरक्षा के लिए यह जरूरी .Palestinian ambassador demands India's inclusion in UNSC, says it is essential for our security.

 



फलस्तीन के राजदूत को उम्मीद है कि स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र के गठन और खाड़ी क्षेत्र में स्थाई शांति में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। फलस्तीनी राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश के मुताबिक भारत हमारा बड़ा भाई है और 1930 में महात्मा गांधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक हर भारतीय नेता ने फलस्तीन की हिमायत की है। शावेश ने यह बातें अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहीं।शावेश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका इस्त्राइल के पक्ष में वीटो करता है इसलिए भारत का वहां होना जरूरी है और अगर भारत सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बन जाए तो सौ फीसदी फैसला फलस्तीन के पक्ष में होगा, ऐसा हमें विश्वास है। उन्होंने कहा कि शर्मलशेख में हुए शांति प्रस्तावों के बाद भी अभी गाजा में हालात जस के तस बने हुए हैं। हम पर ये प्रस्ताव थोपे गए हैं लेकिन हम निराश नहीं हैं और हम राख के ढेर से भी उठ खड़े होंगे।



अब्दुल्ला अबू शावेश ने कहा कि हालांकि गाजा में जंग नहीं चल रही है बल्कि इस्राइल न हमला किया है। यह एकतरफा कार्रवाई है जो दो साल से जारी है। इसमें 67 हजार से ज्यादा निर्दोष फलस्तीनियों की मौत हुई है, जिसमें बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और मरीज तक शामिल हैं। शावेश के मुताबिक अभी भी गाजा में सात हजार टन विस्फोटक पड़ा हुआ है जो वहां के जनजीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बच्चे भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। स्कूल अस्पताल नष्ट हो चुके हैं। दो साल पहले सात अक्तूबर को हमास द्वारा इस्राइल में घुस कर निर्दोष नागरिकों को मारने और उनके अपहरण के बारे में पूछने पर फलस्तीनी राजदूत ने कहा कि हमारे साथ 106 साल से जो अन्याय हो रहा है उसके आधार पर सात अक्तूबर को जो हुआ उसको जायज नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन इसी तरह सात अक्तूबर के नाम पर पिछले दो साल से गाजा में चल रहे नरसंहार को भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है। 


अब्दुल्ला अबू शावेश ने इस्त्राइल पर हमास को मजबूत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने ही एक कानून एक सरकार और हमास के निरस्त्रीकरण की अपील की थी। फलस्तीन के पास 94 फीसदी जमीन का मालिकाना हक था लेकिन आज हमारे पास महज 22 फीसदी जमीन है। गाजा संकट के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों का हमेशा दोहरा मानदंड रहा है और उन्होंने कभी भी इस्राइल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा सुरक्षा परिषद में इस्राइल को बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल करता है। हम एक तरफ आर्थिक साम्राज्य और दूसरी तरफ वैश्विक मीडिया की अनदेखी की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन हमें भारत के मीडिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत उम्मीद है क्योंकि भारत में सरकारें भले ही बदलती रही हों लेकिन भारत हमारे लिए कभी नहीं बदला। भारत हमारे लिए वही भारत है जो महात्मा गांधी के समय था। भारत सरकार फलस्तीन में एक बड़ा अस्पताल भी बना रही है।

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