सम्पादकीय
कार्यस्थल पर अधिकतर लीडर दिमाग के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स नाम के हिस्से पर अधिक निर्भर रहते हैं, क्योंकि दिमाग का यही हिस्सा ध्यान लगाने, खुद को नियंत्रित रखने और फैसले लेने में मदद करता है। लेकिन इस हिस्से की अपनी सीमाएं हैं, जैसे-यह जल्दी थक जाता है, ज्यादा काम होने पर दबाव महसूस करता है और तनाव या ध्यान भटकने से आसानी से प्रभावित होता है।यह आपकी कमजोरी नहीं, बल्कि आपने काम को इस तरह बना दिया है कि दिमाग के इस हिस्से को लगातार सक्रिय रहना पड़ता है, जबकि यह लगातार चलने के लिए नहीं बना है। इसलिए बेहतर फैसले लेने के लिए आपको सिर्फ छोटे-छोटे व्यक्तिगत उपाय नहीं, बल्कि पूरे काम के तरीके को बदलना होगा। ऐसा माहौल बनाना होगा, जो ध्यान, अच्छे व्यवहार और सहयोग को बढ़ावा दे।
अपने दिन को वर्गीकृत करें
पहले गहरे ध्यान वाले काम के लिए सुबह 15-30 मिनट का समय तय करें। उसके बाद, दिन में थोड़े-थोड़े समय के छोटे स्लॉट रखें, जिनमें आप हल्की जांच या सरल काम कर सकें। भावनात्मक समस्याओं को समझने और हल करने के लिए एक तय समय रखें। अंत में, सुधार के लिए भी थोड़ा समय अलग से निकालें।
थोड़ा रुककर, फैसला दोबारा लें
लीडर अक्सर तेजी, अनुभव और सहज ज्ञान के आधार पर फैसले लेते हैं, लेकिन दबाव में दिमाग का भावनात्मक हिस्सा उस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, जो यह तय करती है कि वास्तव में किस पर ध्यान पहले देना चाहिए। इसलिए निर्णय लेने से पहले थोड़ा रुककर उसे नए तरीके से सोचना जरूरी है, जैसे-जगह बदल लेना, थोड़ी देर टहल लेना, अपना नजरिया बदलना या आसपास की ध्यान भटकाने वाली चीजों को हटा देना। यह छोटा-सा बदलाव दिमाग को वाकई महत्वपूर्ण बातों तक पहुंचने में मदद करता है।
-बीच में ब्रेक लें
आपको समझना होगा कि लगातार काम करते रहना ही सफलता नहीं है। काम के बीच नियमित ब्रेक लेना जरूरी है। आराम अच्छी उत्पादकता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी वर्तमान सेटिंग से बाहर निकलने के लिए, शारीरिक रूप से व्यायाम करें। नियमित शारीरिक गतिविधि से न केवल आपका मूड सुधरता है, बल्कि आपको नए दृष्टिकोण भी मिलते हैं और आप अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक केंद्रित हो पाते हैं। ध्यान और अपने विचारों का निरीक्षण करके, आप नकारात्मक सोच पैटर्न को पहचानकर बदल सकते हैं।
जानकारी को समझदारी से व्यवस्थित करें
आज की दुनिया में वही लीडर आगे बढ़ते हैं, जो तेज सोचने के बजाय जानकारी को समझदारी से व्यवस्थित कर पाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने दिमाग और तंत्रिका तंत्र को शांत व संतुलित अवस्था में वापस लाएं। जब आप शांत और केंद्रित होते हैं, तो आप अपना माहौल और काम, दोनों बेहतर बना पाते हैं।

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