लाल किला के पास हुए धमाके की जांच में अब नया खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार डॉक्टर मॉड्यूल के दो सदस्य डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के पासपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि दोनों ने टेलीग्राम ग्रुप्स से जुड़ने के तुरंत बाद तुर्की की यात्रा की थी। यहां दोनों की मुलाकात जैश ए मोहम्मद के हैंडलरों से हुई थी।
डॉ मोहम्मद उमर उर्फ उमर उन नबी और डॉ मुजम्मिल शकील के पासपोर्ट से उनके तुर्की की यात्रा का संकेत मिल रहे हैं। और यह भी पता चल रहा है कि उन्हें वहीं से भारत में आतंकी साजिशों को अंजाम देने का फरमान मिल रहा था। सूत्रों के अनुसार दिल्ली धमाकों की जांच कर रही एजेंसियां अब डॉ उमर और डॉ मुजम्मिल के तुर्की लिंक की तफ्तीश में जुट गई हैं। जानकारी के मुताबिक उमर नबी और मुजम्मिल शकील ने कुछ संदिग्ध टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन करने के तुरंत बाद ही तुर्की का दौरा किया था। यह जानकारी उनके पासपोर्ट की छानबीन से मिली है। शुरुआती जांच में ही यह बातें सामने आई थीं कि तुर्की और अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में बैठे हैंडलर लगातार लाल किले के पास कार में धमाका करने वाले संदिग्ध सुसाइड बॉम्बर डॉ उमर और फरीदाबाद मॉड्यूल के अन्य सदस्यों के साथ संपर्क में थे।
डॉ उमर नबी के कट्टर बनने के पीछे तुर्की?जांचकर्ताओं के मुताबिक दिल्ली धमाकों का संदिग्ध सुसाइड बॉम्बर डॉ उमर उन नबी फरीदाबाद मॉड्यूल का सबसे कट्टर सदस्य था। अबतक इस मॉड्यूल से जुड़े डॉ मुजम्मिल अहमद गनी, डॉ अदील मजीद राथर, डॉ सज्जाद मलिक और डॉ शाहीन सईद गिरफ्तार हो चुके हैं। भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की चीफ डॉ शाहीन ने अपनी पूछताछ में कबूल किया है कि वह फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में जब भी आपस में मिलते थे, तब दिल्ली धमाकों का आत्मघाती हमलावर डॉ उमर देश भर में कई आतंकी हमले कराने के बारे में बातें करता था।

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