गुवाहाटी। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच का दूसरा दिन पूरी तरह साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर सेनुरान मुथुसामी के नाम रहा। टीम में स्पिनर की भूमिका निभाने वाले मुथुसामी ने बल्ले से ऐसा कमाल किया कि टीम इंडिया के गेंदबाज हैरान रह गए। उन्होंने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जमाते हुए साउथ अफ्रीका को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया और टीम की पारी को 400 के पार ले जाने में अहम योगदान दिया। दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीका ने छह विकेट पर 247 रनों से खेल की शुरुआत की। टीम दबाव में थी, लेकिन मुथुसामी पूरे आत्मविश्वास के साथ क्रीज पर टिके रहे। उन्होंने 25 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे भारतीय गेंदबाजों को थकाते हुए स्कोर को आगे खींचते रहे। दूसरे सेशन में 135वें ओवर की पहली गेंद पर मोहम्मद सिराज की गेंद को आसानी से खेलते हुए एक रन लिया और इसके साथ ही अपना पहला टेस्ट शतक पूरा कर लिया। यह शतक न सिर्फ उनके करियर का अहम पड़ाव है, बल्कि मैच की दिशा बदलने वाला क्षण भी साबित हुआ।
92 गेंदों की इस संयमित और दमदार पारी ने उन्हें एक खास सूची में शामिल कर दिया है। वे भारत के खिलाफ नंबर-7 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जमाने वाले दक्षिण अफ्रीका के सिर्फ तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले यह उपलब्धि क्विंटन डिकॉक ने 2019 में विशाखापट्टनम में 111 रन बनाकर और लांस क्लूजनर ने 1997 में केपटाउन में नाबाद 102 रन बनाकर हासिल की थी। अब मुथुसामी भी इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गए हैं। नंबर-7 पर बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका की ओर से पीटर कर्स्टन, मार्क बाउचर और शॉन पॉलक जैसे दिग्गज भी शतक लगा चुके हैं। इस पंक्ति में अब मुथुसामी का नाम जुड़ना यह साबित करता है कि वे सिर्फ एक स्पिनर नहीं, बल्कि मैच का रुख बदल देने वाले भरोसेमंद बल्लेबाज भी हैं। खास बात यह है कि उन्हें कोलकाता में पहले टेस्ट में मौका नहीं मिला था, लेकिन गुवाहाटी टेस्ट में जैसे ही अवसर मिला, उन्होंने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। उनकी यह शानदार पारी ऐसे समय आई जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी। शुरुआत में दबाव में दिख रही अफ्रीकी टीम को मुथुसामी ने संभाला और अपनी समझदारी भरी बल्लेबाजी से भारत के खिलाफ एक मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया। गेंद से प्रभाव छोड़ने से पहले ही वे बल्ले से छा गए और भारतीय गेंदबाजों के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण लक्ष्य खड़ा कर दिया। मुथुसामी का यह शतक न सिर्फ मैच का अहम मोड़ है, बल्कि उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। उनकी यह पारी आने वाले मैचों में भी टीम के लिए उम्मीदों का नया आधार बनेगी।

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