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बिहार में पहले चरण में राहुलवा गांधी का हाइड्रोजन बम भी फ्यूजRahul Gandhi's hydrogen bomb also fuses in the first phase in Bihar।

संपादकीय

चुनाव आयोग को अब पश्चिम बंगाल में एसआईआर कराने में मजबूती मिलेगी।

6 नवंबर को बिहार की 121 सीटों पर मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार मतदान का प्रतिशत करीब 65 प्रतिशत रहा। यह अब तक का सबसे ज्यादा मतदान है। शेष 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। किसी भी राजनीतिक दल ने पहले चरण के मतदान पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई है। उल्टे विपक्ष के महागठबंधन ने दावा किया है कि बिहार में जेडीयू और भाजपा की संयुक्त सरकार के प्रति नाराजगी है, इसलिए लोगों ने ज्यादा वोट किया है। यानी आरजेडी ने अधिक मतदान को स्वयं के पक्ष में बताया है। वहीं भाजपा और जेडीयू के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों में लोगों का भरोसा बढ़ा है, इसलिए अधिक मतदान हुआ है।

हाइड्रोजन बम फ्यूज:

5 नवंबर को हरियाणा की मतदाता सूची में गड़बडिय़ों को कथित तौर पर उजागर कर कांगेस के नेता राहुल गांधी ने भी कहा था कि बिहार मे ंभी वोटों की चोरी की जारही है। अपने आरोपों की तुलना राहुल गांधी ने हाईड्रोजन बन से की थी। राहुल गांधी को उम्मीद थी कि कथि गड़बडिय़ां उजागर होने के बाद देश का युवा वर्ग मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर आ जाएगा, लेकिन इसके उलट बिहार में 65 प्रतिशत मतदाना होना बताता है कि लोगों का भरोसा चुनाव आयोग पर और बढ़ा है। बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूचियों का गहन परीक्षण हुआ। गहन परीक्षण का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक में पहुंचा, लेकिन मतदान का प्रतिशत बताता है कि बिहार में एसआईआर का काम सही तरीके से हुआ। मतदान में बड़ी संख्या में पर्दानशीन मुस्लिम महिलाओं ने भी भाग लिया। किसी भी मुस्लिम महिला ने मतदान केंद्र के अंदर अपना चेहरा दिखाने से इंकार नहीं किया। सभी मतदाता केंद्रों पर मतदान कर्मी के रूप में महिलाएं बैठी थी, जो सभी पर्दानशीन महिलाओं के चेहरे का मिलान मतदाता पहचान पत्र से कर रही थी मालूम हो कि मुस्लिम महिलाओं का चेहरा दिखाने को लेकर भी बड़ा विवाद हुआ था।

पश्चिम बंगाल में मजबूती मिलेगी:

चुनाव आयोग ने हाल ही में 12 राज्यों में मतदाता सूचियों का गठन परीक्षण (एसआईआर) कराने की घोषणा की है, लेकिन पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसआईआर का खुला विरोध कर रही है, लेकिन अब जब बिहार के मतदान में एसआईआर के उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं तो चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में मजबूती मिलेगी। बिहार में यह साफ हो गया है कि एसआईआर आम मतदाता के पक्ष में है।

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