म्हारी छोरियाँ ना हैं अब छोरों से कम,
रच दिया इतिहास और दिखाया दम।
लड़कियों ने '47' साल किया इंतजार,
दिखाया दमखम एवं पाया खूब प्यार।
पहली बार हैं वर्ल्ड कप खिताब जीता,
आज गर्वित है बेटियों के प्रत्येक पिता।
क्या शैफाली, दीप्ति, स्मृति, ऋचा घोष,
क्रिकेट मैदान पे दिखाया दमदार जोश।
रेगुलर ओपनर रावल को लग गई चोट,
इंजरी रिप्लेसमेंट शैफाली लगाती ओट।
"प्लेयर ऑफ द फाइनल"अवॉर्ड मिला,
भारत के हरेक फैंस का चेहरा है खिला।
अमनजोत के "कैच" ने पलट दिया मैच,
महिला वर्ल्ड कप की जीत किया अटैच।
रेणुका, श्री चरणी, क्रांति, जेमिमा, राधा,
अमोल-हरमन अगुवाई-रेड्डी, उमा, राणा।
(संदर्भ-विमेंस वनडे वर्ल्ड कप में भारत ने रचा इतिहास)
संजय एम तराणेकर
(कवि, लेखक व समीक्षक)
इन्दौर-452011 (मध्य प्रदेश)
मो. 98260 25986
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