कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनका नवीनतम भाषण भारत को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है। कांग्रेस सांसद ने पीएम मोदी के उस वक्तव्य की विशेष प्रशंसा की, जिसमें मोदी ने 2035 तक देश को मैकाले की सोच और हाल के दिनों में, खासकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से, थरूर की राजनीतिक भाषा में बदलाव देखा जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होते हुए भी वह समय-समय पर प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के विभिन्न निर्णयों की सार्वजनिक रूप से तारीफ करते रहे हैं, जिससे कांग्रेस खेमे में असहजता भी बढ़ती दिखाई देती है। मानसिकता से मुक्त करने का संकल्प जताया था।
मंगलवार को छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की बात करते हुए भारतीय परंपराओं, भाषाओं और ज्ञान-प्रणाली को केंद्र में रखने का आह्वान किया था। इसी कार्यक्रम में दर्शक दीर्घा में शशि थरूर भी मौजूद थे।
थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए शशि थरूर ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी देश को “गुलामी की मानसिकता” से बाहर निकालने की दिशा में प्रयासरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी का यह दृष्टिकोण भारत को न केवल तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक मंच पर उभरते मॉडल के रूप में पेश करता है।
मैकाले पर मोदी की टिप्पणी को सराहा
शशि थरूर का कहना है कि मैकाले की लगभग दो शताब्दियों पुरानी विरासत पर प्रधानमंत्री का प्रहार उनके भाषण का सबसे उल्लेखनीय भाग था। थरूर ने यह भी लिखा कि पीएम मोदी ने आर्थिक नीतियों के साथ संस्कृति और विरासत को नई ऊर्जा देने की बात कही, जो निस्संदेह महत्वपूर्ण है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि खांसी-जुकाम के बावजूद इस खास कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात रही।
कार्यक्रम में नेताओं के साथ बैठे थरूर
ध्यान देने वाली बात यह भी रही कि कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बीच बैठे नजर आए।

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