बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान गुरुवार को होना है। उससे ठीक पहले IANS-MATRIZE का सर्वे आया है, जिसमें एनडीए की वापसी का अनुमान जाहिर किया गया है। पोल के अनुसार 153 से 164 तक सीटें हासिल करके एनडीए फिर से सत्ता में लौट सकता है। वहीं तेजस्वी यादव की लीडरशिप वाली आरजेडी को महज 76 से 87 सीटें मिलने की ही भविष्यवाणी की गई है। इन दावों के बीच एक अहम भविष्यवाणी यह भी है कि खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान की पार्टी को झटका लग सकता है। सर्वे में यह दिलचस्प तथ्य है कि एक तरफ एनडीए को जीत मिलेगी तो वहीं चिराग की एलजेपी को महज 4 से 5 सीटें ही मिलेंगी।
एनडीए के सीट बंटवारे में चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें मिली हैं। ऐसे में यदि 4-5 पर ही जीत मिली तो यह उसके लिए झटका होगा और पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहद कम होगा। यह इसलिए अहम है क्योंकि लोकसभा चुनाव में अपने स्ट्राइक रेट के नाम पर ही चिराग पासवान की पार्टी ने विधानसभा में ज्यादा सीटों पर दावा किया था। सर्वे में जीतनराम मांझी एक बड़ी सफलता पाते दिख रहे हैं। सर्वे में अनुमान है कि जीतनराम मांझी की HAM भी 4-5 सीट पा सकती है। ऐसा हुआ तो उनकी पार्टी का स्ट्राइक रेट 90 फीसदी तक होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके दल को 6 सीटें ही मिली हैं।
आरजेडी पर भारी पड़ सकता है कांग्रेस को ज्यादा सीटें देना
अब बात महागठबंधन की करें तो आरजेडी को कांग्रेस को ज्यादा सीटें देना भारी पड़ सकता है। सर्वे में कांग्रेस को 7 से 9 सीटें ही मिलने का अनुमान है, जबकि पार्टी ने 62 पर कैंडिडेट उतारे हैं। यदि यही नतीजा रहा तो साफ हो जाएगा कि तेजस्वी यादव ने 2017 में अखिलेश यादव की ओर से की गई चूक को दोहरा दिया है। तब यूपी में कांग्रेस को अखिलेश ने 100 सीटें दी थीं और वह महज 7 पर ही जीत हासिल कर पाई थी। माना गया था कि सपा की करारी हार के पीछे कांग्रेस को उसकी हैसियत से ज्यादा सीटें देना था। अब बिहार में भी यदि नतीजे सर्वे वाले ही रहे तो फिर कांग्रेस पर निश्चित तौर पर सवाल उठेंगे।

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