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जस्टिस अशोक भूषण को दूसरी बार NCLAT का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया Justice Ashok Bhushan appointed as Chairperson of NCLAT for the second time

 

केंद्र सरकार ने भारत के पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस अशोक भूषण की राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (NCLAT) के चेयरपर्सन के रूप में दूसरी बार नियुक्ति को मंजूरी दी। यह पुनर्नियुक्ति उनके कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभावी होगी और वे 70 वर्ष की आयु तक इस पद पर बने रहेंगे यानी 4 जुलाई 2026 तक। जस्टिस भूषण को पहली बार 29 अक्टूबर 2021 को NCLAT का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। उन्होंने 8 नवंबर, 2021 को पदभार ग्रहण किया था। उनका वर्तमान कार्यकाल आज (शुक्रवार) समाप्त हो रहा है



जस्टिस अशोक भूषण का जन्म 5 जुलाई, 1956 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था। उन्होंने 1979 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसी वर्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। अपने करियर के दौरान वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड सहित कई संस्थानों के स्थायी अधिवक्ता रहे। वह इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी चुने गए थे। अप्रैल, 2001 में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का स्थायी जज बनाया गया। इसके बाद उन्होंने 2014 में केरल हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस और 2015 में चीफ जस्टिस के रूप में कार्य किया। जस्टिस भूषण को 13 मई, 2016 को भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया और वह 4 जुलाई, 2021 को रिटायर हुए। NCLAT के प्रमुख के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान जस्टिस भूषण ने कई महत्वपूर्ण कॉरपोरेट और दिवाला मामलों में मार्गदर्शक फैसले दिए। उनके नेतृत्व में अधिकरण ने कई जटिल आर्थिक विवादों का समाधान करते हुए न्यायिक कार्यप्रणाली में स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।

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