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MBBS और इंजीनियरिंग में दाखिले के नाम पर ठगे करोड़ों रुपए, दो गिरफ्तार, कई शहरों में दर्ज हैं मुकदमेTwo people were arrested for allegedly duping people of crores of rupees in the name of MBBS and engineering admissions, with cases filed in several cities.

 लखनऊ में एक फर्जी एडमिशन कंसल्टेंसी चलाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि इन लोगों ने एक प्रसिद्ध मेडिकल संस्थान के नाम का इस्तेमाल कर छात्रों और अभिभावकों से करोड़ों रुपये की ठगी की। डीसीपी (क्राइम) कमलेश कुमार दीक्षित ने मीडिया को बताया कि यह मामला उस समय सामने आया जब कई पीड़ितों ने शिकायत की कि आरोपी एमबीबीएस, इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाने के बहाने हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के नाम पर पैसे वसूल रहे थे


। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता विजय बहादुर ने एक नवंबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि 35 वर्षीय अभिनव शर्मा और 34 वर्षीय संतोष कुमार नाम के आरोपियों और उनके साथियों ने उनसे 45 लाख रुपये, राजेश वर्मा नामक व्यक्ति से 20 लाख रुपये, दीप सिंह से 38 लाख रुपये और प्रीति सिंह से 23 लाख रुपये लिये।

 पुलिस ने बताया कि दो अन्य पीड़ितों ने भी अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें क्रमशः 18 लाख रुपये और 45 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। दीक्षित ने कहा कि आरोपियों ने फर्जी बैंक खाते खोले, फर्जी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पेज बनाए और वैध कंसल्टेंसी का आभास कराने के लिए किराए के कार्यालयों से काम किया। उन्होंने कथित तौर नीट परीक्षा में कम अंक लाने वाले छात्रों का डेटा ऑनलाइन खरीदकर और उनके परिवारों को बाराबंकी व सीतापुर के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में प्रबंधन-कोटे की सीटों का वादा करके उन्हें निशाना बनाया। 

दीक्षित ने कहा कि दोनों आरोपियों को सोमवार को लखनऊ में कठौता झील के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान, उनमें से एक ने स्वीकार किया कि उन्होंने कॉल सेंटर के माध्यम से माता-पिता से संपर्क किया, उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और डिमांड ड्राफ्ट, ऑनलाइन ट्रांसफर और नकदी के माध्यम से पैसे वसूले। 

साइबर अपराध इकाई के तहत गठित एक पुलिस दल ने गिरोह से 4.9 लाख रुपये नकदी, तीन मोबाइल फोन, छह सीपीयू, छह मॉनिटर, एक वाई-फाई राउटर, एक डोंगल, मुहरें, एक चेक बुक, पैन और आधार कार्ड बरामद किए। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए मेडिकल संस्थान के नाम पर कई बैंक खाते भी खुलवाए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस अन्य जिलों में दर्ज अतिरिक्त शिकायतों की पुष्टि कर रही है और जांच जारी है।  

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