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ममता बनर्जी के भतीजे को मिली राहत, गिरफ्तारी वारंट पर लगी रोक, कैलाश विजयवर्गीय के बेटे को भेजा नोटिसMamata Banerjee's nephew gets relief, arrest warrant stayed, notice sent to Kailash Vijayvargiya's son

 जबलपुर। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के विरुद्ध भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को नियत कर दी है।


अभिषेक बनर्जी को मिली राहत

अभिषेक की ओर से दलील दी गई थी कि वे वर्तमान में टीएमसी सांसद हैं और उनके फरार होने की संभावना नहीं है। उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत प्रदान किए जाने का आवेदन दिया था। किंतु कोर्ट ने उस पर विचार न करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।

अभिषेक बनर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे व एम अग्रवाल खड़े हुए। उन्होंने दलील दी कि मानहानि का मुकदमा अनुचित है। ऐसा इसलिए क्योंकि बयान को तोड़ मरोड़ कर समाचार बनाए गए थे। लिहाजा, मामला मानहानि के मुकदमे में अधीनस्थ अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने बहस पूरी होने के साथ आदेश सुरक्षित कर लिया था।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मानहानि का केस भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने दायर किया है। नवंबर, 2020 में कोलकाता में आयोजित एक सभा में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को गुंडा कहा था। इस बयान को लेकर आकाश ने 2021 में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

एक मई, 2021 से इस प्रकरण की सुनवाई भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है, लेकिन अभिषेक बनर्जी पेशी में हाजिर नहीं हुए। इस पर भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के विरुद्ध गत 11 अगस्त और 26 अगस्त, 2025 की तारीखों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अभिषेक बनर्जी ने इस गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ में याचिका दायर की है। इसी याचिका के साथ अंतरिम राहत की मांग संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया गया था।

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