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बिजली मीटरों की रीडिंग में चल रहा बड़ा घोटाला! लगातार हो रहे खुलासेA major scam involving electricity meter readings is underway! Continuous revelations continue.

 पंजाब केसरी द्वारा गत 26 नवम्बर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए गए समाचार "पंजाब भर में बिजली मीटरो की मैनुअल रीडिंग दौरान बड़े घोटाले की चर्चाओं से मचा हड़कंप" पर पावरकॉम के अधिकारियों द्वारा अब मोहर लगा दी गई है। अधिकारियों द्वारा पावरकॉम विभाग से संबंधित पंजाब भर की विभिन्न डिवीजनों में की जा रही जांच दौरान रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार के लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं।


विभागीय सूत्रों के मुताबिक बिजली मीटर रीडरों ने बिजली बिल बनाने वाली ओ.सी.आर स्कैनिंग एप टैक्निक की बजाय मैनुअल अथवा सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ कर फर्जी बिल बनाए गए हैं और लुधियाना में पावरकॉम विभाग से संबंधित 9 विभिन्न डिवीजनों सुंदर नगर, सी.एम.सी. डिवीजन, फोकल प्वाइंट, सिटी सैंटर, अग्र नगर, स्टेट डिवीजन, मॉडल टाऊन, जनता नगर, सिटी वेस्ट में ऐसे कई मामले ट्रेस होने की जानकारियां लगातार सामने आ रही है जिसकी अधिकारियों द्वारा पुष्टि भी की जा रही है। एसे मामलों में बिजली यूनिट्स को 300 के नीचे दिखाकर पावरकॉम विभाग को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है।

ऐसे सभी संदिग्ध खातों की एक लिस्ट पावरकॉम के आई.टी. सैल द्वारा जांच के लिए पावरकॉम के सैंट्रल जोन के अंतर्गत पड़ते ईस्ट और वैस्ट सर्कल को भेजी गई है। उक्त सभी संदिग्ध बिजली के बिलों को खंगालने के लिए पावरकॉम विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शुक्रवार की देर रात और शनिवार छुट्टी होने के बावजूद भी अपने कार्यालय में डटे रहे और अधिकारियों ने मीटर रीडरों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ सैटिंग कर फर्जी बिल बनाने के कई मामले ट्रेस भी कर लिए हैं।

वहीं मामले बारे पावरकॉम के चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हांस ने कहा कि मामले की पूरी गहनता से जांच की जा रही है। पावरकॉम विभाग को हुए नुकसान की संबंधित आरोपी मीटर रीडरों से भरपाई करने सहित उनको नौकरी से निकलने जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे।

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