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INS विक्रांत पर सवार तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडर, पोरबंदर तट पर ताकत और तालमेल का प्रदर्शनTop commanders of the Indian Navy staged a show of strength and coordination off the coast of Porbandar.

 .देश की तीनों सेनाओं की एकजुट ताकत और तालमेल का शानदार प्रदर्शन गुजरात के पोरबंदर तट पर देखने को मिला, जब भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के शीर्ष कमांडर एक साथ विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार हुए और उन्होंने 'त्रिशूल अभ्यास' के तहत हुए संयुक्त बहु-क्षेत्रीय सैन्य अभियान का निरीक्षण किया।


शीर्ष अधिकारियों के सामने सेनाओं का प्रदर्शनइस अवसर पर दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, पश्चिमी नौसैनिक कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन, और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान के एयर मार्शल नागेश कपूर मौजूद थे। तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार रात को कैरीयर-बोर्न फ्लाइंग ऑपरेशनऔर अंडरवे रीप्लेनिशमेंट (समुद्र में जहाज को ईंधन/सामग्री की आपूर्ति) जैसे जटिल अभियानों का लाइव प्रदर्शन देखा।

थार से सौराष्ट्र तक- त्रिशूल का व्यापक अभ्यासबीते दो हफ्तों से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर देश के पश्चिमी हिस्सों में इस बड़े स्तर के युद्धाभ्यास में भाग ले रही हैं। इस कड़ी में थार रेगिस्तान से लेकर कच्छ और अब सौराष्ट्र तट तक यह अभ्यास कई उप-अभ्यासों के रूप में चल रहा है, जो आज संयुक्त उभयचर अभ्यास के साथ अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है। इस चरण में सेना की उभयचर टुकड़ियां समुद्र तट पर उतरकर बीच लैंडिंग ऑपरेशन करेंगी, जिससे थल, जल और वायु की पूरी समन्वित शक्ति का प्रदर्शन होगा।'त्रिशूल': आत्मनिर्भरता और संयुक्तता का प्रतीकरक्षा मंत्रालय के अनुसार, 'त्रिशूल अभ्यास' भारतीय सशस्त्र बलों की उस दृष्टि को साकार करता है जिसे संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार (जेएआई) कहा गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, साइबर ऑपरेशन, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन युद्ध, इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही मिशन (आईएसआर), एयर डिफेंस और रिपोर्टिंग सिस्टम शामिल हैं।

थल, जल, नभ- तीनों का एक मंच पर संगम'त्रिशूल' अभ्यास के दौरान कई इलाकों में छोटे-छोटे अभ्यास किए गए, जैसे, थार रेगिस्तान में 'मरुज्वाला' और 'अखंड प्रहार', इसमें संयुक्त युद्धक टुकड़ियों की गतिशीलता और समन्वय की जांच हुई। कच्छ सेक्टर में सेना, नौसेना, वायुसेना, कोस्ट गार्ड और बीएसएफ ने मिलकर नागरिक प्रशासन के साथ तालमेल में एकीकृत सुरक्षा अभ्यास किया। वहीं, वायुसेना ने 29 अक्तूबर से 11 नवंबर तक 'महागुजराज-25' नाम का अभ्यास किया, जिसमें फाइटर जेट्स ने राजकोट के हीरासर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ानें भरीं, यह सिविल-मिलिट्री समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण था।

तीनों सेनाओं का एकजुट संदेशनौसेना के पश्चिमी कमान ने एक्स पर तीनों कमांडरों की आईएनएस विक्रांत पर मौजूदगी की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, 'तीनों कमांडरों की संयुक्त उपस्थिति भारतीय सेनाओं की एकता, एकीकृत संचालन और बहु-क्षेत्रीय वातावरण में प्रभावी कार्रवाई की दिशा में बड़ा कदम है।

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