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मुंबई हमारे हाथ से छूट गई, तो ये लोग...', बीएमसी चुनाव से पहले मराठी समुदाय को लेकर ये बोले राज ठाकरे"If Mumbai slips out of our hands, then these people...," Raj Thackeray said about the Marathi community ahead of the BMC elections.

 महाराष्ट्र में होने वाले निकाय चुनावों से पहले राज्यभर की सियासत में गर्माहट सातवें आसमान पर पहुंच गई है। चुनावी रण में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी भी तेज कर दी है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी अपने चरम पर है। ऐसे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने इसे मराठी समुदाय के लिए आखिरी महत्वपूर्ण चुनाव बताया है।


रविवार को मनसे के कोकण महोत्सव के उद्घाटन के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि बीएमसी चुनाव के आसपास का राजनीतिक माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से कहा कि वे सावधान रहें। राज ठाकरे ने कहा कि मराठी लोगों के लिए यह बीएमसी चुनाव आखिरी महत्वपूर्ण चुनाव है। अगर हम लापरवाह बने तो यह चुनाव हमारे हाथ से चला जाएगा। अगर मुंबई हमारे हाथ से छूट गई, तो ये लोग यहां उथल-पुथल मचा देंगे।

मतदाता सूची को लेकर भी बोले राज ठाकरेइस दौरान राज ठाकरे ने मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोपों  को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि वोटर असली हैं या नकली। उन्होंने चुनाव आयोग की मतदाता सूची को लेकर भी कड़ी आलोचना की।

राज ठाकरे की राजनीतिक चालबता दें कि राज ठाकरे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन का समर्थन किया था। लेकिन राज्य चुनावों में मनसे को हार मिलने के बाद उनका राजनीतिक रुख थोड़ा बदल गया है। अब वे ज्यादा आक्रामक और स्पष्ट हो गए हैं। दूसरी ओर राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे। हालांकि अब वे धीरे-धीरे राजनीतिक और पारिवारिक तौर पर करीब आते दिख रहे हैं।

अब समझिए क्या है कांग्रेस का रुखबात अगर निकाय चुनाव में अब कांग्रेस के रुख की करें कांग्रेस मनसे को महाविकास आघाड़ी में शामिल करने में हिचकिचा रही है। कांग्रेस की मुंबई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ का कहना है कि वे केवल उन पार्टियों के साथ गठबंधन करेंगे, जो संविधान के रास्ते का पालन करें। कई लोगों का मानना है कि कांग्रेस का यह बयान मनसे के भाषा विवाद में 'अवैध' तरीकों की ओर इशारा है। दूसरी ओर शरद पवार की एनसीपी मनसे के साथ गठबंधन के विचार के लिए खुली है। उनका मानना है कि इससे मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में मराठी वोटरों को जोड़ने में मदद मिलेगी।भाजपा कर रही हिंदू पहचान पर फोकसगौरतलब है कि महाराष्ट्र निकाय चुनावों में जहां एक ओर मनसे और शिव सेना (यूबीटी) अपने मराठी पहचान पर जोर देते हैं, वहीं भाजपा ने हिंदू पहचान पर ध्यान केंद्रित किया है। मुंबई भाजपा के नेता अमित सातम और मंत्री आशीष शेलार ने साफ कर दिया कि उनकी नजर धार्मिक पहचान पर है। शेलार ने हाल ही में कहा कि मुंबई का अगला महापौर मराठी नहीं, बल्कि हिंदू होगा।

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