सब रेंज सुरवया में प्लांटेशन के नाम पर नियमों का गला घोटा गया; Deputy Ranger राजेश शर्मा और Beat Incharge सौरव राजपूत की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न
सुनरेया (मध्य प्रदेश): पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय रोज़गार सृजन के वन विभाग के दावे सब रेंज सुरवया के सुनरेया फॉरेस्ट एरिया में धराशायी होते दिख रहे हैं। यहाँ वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्लांटेशन बाउंड्री निर्माण कार्य में, Deputy Ranger राजेश शर्मा और Beat Incharge सौरव राजपूत (वन रक्षक) की कथित मिलीभगत से वन नियमावली का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
मौके से प्राप्त तस्वीरों में स्पष्ट है कि जेसीबी (JCB) मशीन का बेरोकटोक इस्तेमाल किया जा रहा है, जो स्थानीय श्रमिकों (लेबर) को काम देने के सरकारी प्रावधान का सीधा उल्लंघन है। इसके कारण न केवल स्थानीय लोगों का रोज़गार छिन रहा है, बल्कि जंगल को भी अपूरणीय क्षति पहुँच रही है।
🌳हरियाली का विनाश और खेर की चोरी
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, प्लांटेशन की बाउंड्री बनाने के नाम पर, जो पेड़ पहले से ही 2-3 साल पुराने होकर स्थापित हो चुके थे, उन्हें निर्ममता से उखाड़ कर फेंका गया है। प्राप्त साक्ष्यों में खेर (Khair) के पेड़ों के तने भी दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें काटा गया है।
> ग्रामीणों के सनसनीखेज आरोप: "काटी गई यह कीमती खेर की लकड़ी आसपास के होटलों को बेची जाती है, जहाँ इसे जलावन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारी और कुछ स्थानीय लोग मिलकर इस अवैध व्यापार को अंजाम दे रहे हैं, जिससे उन्हें सीधा वित्तीय लाभ हो रहा है।"
पत्थरों का उत्खनन और अवैध कारोबार
जेसीबी मशीन की खुदाई से जमीन के अंदर से भारी मात्रा में पत्थर बाहर निकाले गए हैं, जैसा कि तस्वीरों में स्पष्ट दिखाई देता है। यह कृत्य सीधे तौर पर वन भूमि पर अवैध उत्खनन (Illegal Mining) की श्रेणी में आता है, जिसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक होती है।
> ग्रामीणों के आरोप: "वन विभाग के कर्मचारियों की सहमति से, इन पत्थरों को ट्राली में भरवाकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कम दाम पर बेचा जाता है। यह वन विभाग के लिए बिना किसी मेहनत के 'कुछ पैसे कमाने' का एक अवैध जरिया बन गया है।"
दबाव और दहशत का माहौल
क्षेत्र में यह भी आरोप है कि विभाग ने जानबूझकर ऐसा दहशत का माहौल बना रखा है कि कोई भी ग्रामीण इस गंभीर अनियमितता की शिकायत करने के लिए सामने नहीं आता। स्थानीय लोगों को डराया जाता है, जबकि नियम तोड़ने वाले कर्मचारियों को पूरी छूट मिली हुई है।
नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारी
इस पूरे मामले में निम्नलिखित अधिकारियों की कार्यशैली सीधे तौर पर सवालों के घेरे में है:
राजेश शर्मा: डिप्टी रेंजर, सब रेंज सुरवया
सौरव राजपूत: बीट प्रभारी/वन रक्षक, बीट सुनारिया कॉलोनी
इन अधिकारियों द्वारा नियमानुसार मजदूरों से काम कराने के बजाय मशीन का उपयोग करने और अवैध उत्खनन तथा वृक्ष विनाश को बढ़ावा देने के आरोप अत्यंत गंभीर हैं।
जन-आक्रोश और बड़ी चेतावनी
एक तरफ जहां विभाग आम नागरिकों की निजी 'सर्वे नंबर' वाली जमीनों पर ट्रैक्टर चलाने या मामूली गलती के लिए जाति सूचक चिन्ह लगाकर कार्रवाई करता है, वहीं दूसरी ओर अपने ही कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे जंगल के विनाश पर आँखें मूंद लेता है।
जनता में पनप रहा यह अत्यंत दुखी और भेदभावपूर्ण रवैये के कारण उग्र जन-आंदोलन की सुगबुगाहट चल रही है। यदि इस मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच (जो स्थानीय प्रशासन के दबाव से मुक्त हो) तुरंत शुरू नहीं की गई, तो क्षेत्र में बड़ा विरोध प्रदर्शन हो सकता है, जिसकी पूरी जवाबदेही विभागीय मुखियाओं और जिला प्रशासन की होगी।


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