इंदौर। शहर के सबसे व्यस्त और प्रमुख चौराहों में से एक बड़ा गणपति चौराहा अब विकास के नए दौर में प्रवेश करने जा रहा है। इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) यहां साढ़े 23 करोड़ रुपए की लागत से फ्लायओवर का निर्माण करवाने जा रहा है। इसके साथ ही इसी स्थान पर अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण भी प्रस्तावित है। दोनों प्रोजेक्ट एक साथ शुरू होने से आने वाले महीनों में बड़ा गणपति क्षेत्र का यातायात लंबे समय तक प्रभावित रहेगा।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि फ्लायओवर निर्माण से पहले चौराहे के बीच से गुजर रही नर्मदा पाइपलाइन और ड्रेनेज लाइन को शिफ्ट करना जरूरी है। इसके लिए नगर निगम को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने इसके एवज में 3 करोड़ रुपए की राशि निगम को हस्तांतरित कर दी है, जबकि कुल लागत लगभग 8 से 9 करोड़ रुपए रहने की संभावना है। शेष राशि भी जल्द निगम को जारी की जाएगी।
वहीं, मेट्रो कॉर्पोरेशन बड़ा गणपति चौराहा पर अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण करेगा। हालांकि आसपास के दुकानदारों और रहवासियों ने इस काम का विरोध किया था, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मेट्रो का सारा निर्माण कार्य जमीन के नीचे होगा और इससे ऊपर के यातायात या संरचनाओं को कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा।
प्राधिकरण ने इस फ्लायओवर के 3 लेन डिजाइन को मंजूरी दी है। इसकी कुल लंबाई 543 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर होगी। खालसा कॉलेज की ओर इसकी लंबाई 122 मीटर, जबकि जिंसी चौराहा की ओर 125 मीटर वाया डक्ट बनाई जाएगी। पहले इसे 6 लेन में बनाने की योजना थी, लेकिन रोड की सीमित चौड़ाई को देखते हुए इसे 3 लेन में सीमित कर दिया गया।
यह प्रोजेक्ट RCC Infra Project India Pvt. Ltd. को सौंपा गया है। टेंडर और वर्क ऑर्डर करीब एक साल पहले ही जारी कर दिए गए थे। तय अनुबंध के अनुसार, फ्लायओवर को 18 महीने में पूरा किया जाना था, जिसकी समय सीमा मई 2026 तय की गई थी। लेकिन चूंकि अभी तक ड्रेनेज और नर्मदा लाइन की शिफ्टिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है, इसलिए अब ठेकेदार फर्म को अतिरिक्त समय देना पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार, शहर में प्राधिकरण ने एक दर्जन से अधिक चौराहों पर फ्लायओवर निर्माण के लिए सर्वे कर लिया है, जिनमें कई स्थानों पर काम योजनाबद्ध चरण में है। वहीं, मेट्रो परियोजना और फ्लायओवर निर्माण के एक साथ शुरू होने से बड़ा गणपति क्षेत्र में लंबे समय तक खुदाई और निर्माण कार्य चलते रहेंगे, जिससे आसपास की सड़कें, गली-मोहल्ले और वैकल्पिक मार्गों पर यातायात डायवर्ट करना पड़ेगा।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इन विकास कार्यों के पूरा होने के बाद शहर के इस हिस्से में यातायात का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा और बड़ा गणपति चौराहा इंदौर के आधुनिक और स्मार्ट ट्रैफिक नेटवर्क का अहम केंद्र बन जाएगा।

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