चीन , पाकिस्तान को पनडुब्बियां और युद्धपोत दे रहा है। इसकी जानकारी भारत को है। भारतीय नौसेना चीन-पाकिस्तान की इन गतिविधियों में नजर रख रही है। भारतीय नौसेना के वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने गुरुवार को कहा है कि भारत को पूरी जानकारी है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां और युद्धपोत दे रहा है। नौसेना की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर है ताकि समुद्री सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।चीन-पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर
एडमिरल संजय वात्सायन ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हम जानते हैं कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां और जहाज दे रहा है। हम हर चीज पर बारीकी से नजर रख रहे हैं...।' वाइस एडमिरल ने बताया कि भारतीय नौसेना, खासकर एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के क्षेत्र में लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है।
भारत अपनी स्थिति मजबूत कर रहाः एडमिरल संजय वात्सायन
उन्होंने कहा, 'हमें पूरी जानकारी है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां दे रहा है और जल्द ही उनका इंडक्शन शुरू होगा। लेकिन हम भी हर स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जवाबी तैयारी कर रहे हैं। हमें पता है कि एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए किन क्षमताओं की जरूरत है।' एडमिरल संजय वात्सायन ने बताया कि नौसेना अन्य देशों द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही तकनीक और क्षमताओं पर भी नजर रख रही है और उसी के अनुरूप अपनी क्षमता-वृद्धि, नए प्लेटफॉर्म्स की खरीद और तकनीकी विकास कर रही है।
हिंद महासागर में कड़ी निगरानी
चीन की बढ़ती ताकत पर टिप्पणी करते हुए वाइस एडमिरल ने कहा कि चीन अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करने जा रहा है, लेकिन भारत भी आने वाले दो वर्षों में कई नए एयरक्राफ्ट प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि पिछले पांच सालों में जिन्हें मंज़ूरी मिली है, वे हमारी जरूरतों के अनुरूप क्षमता देंगी।' इससे पहले 1 नवंबर को भी उन्होंने कहा था कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर में मौजूद ‘एक्स्ट्रा-रीजनल पावर्स’ पर कड़ी निगरानी रख रही है। उनके अनुसार, किसी भी समय हिंद महासागर में 40–50 विदेशी जहाज मौजूद होते हैं, और नौसेना हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

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