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उम्र के अनुसार सामान्य Blood Sugar का स्तर कितना होना चाहिए और कब चेक करना चाहिए ब्लड शुगर लेवल?What should be the normal blood sugar level according to age and when should the blood sugar level be checked?

 हमारे देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है. यह ऑर्गन फंक्शन को प्रभावित करती है. डायबिटीज के मरीजों को दवा के साथ-साथ कई नियमों का पालन करना चाहिए. उन्हें अपने खान-पान पर भी पूरा ध्यान देना पड़ता है. वैसे डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन सही लाइफस्टाइल अपनाकर इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है. बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और दवाओं या इंसुलिन को समय पर लेना इसके मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके अलावा, स्ट्रेस कम करना और रेगुलर जांच भी जरूरी है.


विशेषज्ञों का खासतौर पर कहना है कि इस बीमारी के लिए शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करना जरूरी होता है. हालांकि, अक्सर हमें नॉर्मल ब्लड शुगर के लेवल का पता नहीं होता, इसलिए हम अक्सर इसे अनदेखा कर देते हैं. हालांकि, डॉक्टर हमें एक निश्चित उम्र के बाद नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर के लेवल की जांच करने की सलाह देते हैं. बता दें, स्वस्थ रहने के लिए सही ब्लड शुगर के लेवल का जानना जरूरी है.

ब्लड शुगर क्या है?ब्लड शुगर का लेवल आपके खून में ग्लूकोज की मात्रा को दर्शाता है. ग्लूकोज एक प्रकार की शुगर है जो चावल, रोटी, फल या मिठाई जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. यह शरीर की कोशिकाओं को एनर्जी देता है, ठीक वैसे ही जैसे गैसोलीन किसी वाहन को एनर्जी देता है. इसे मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) में मापा जाता है. मॉडर्न टेक्नोलॉजी ने इसकी जांच को और भी आसान बना दिया है.

शरीर में ब्लड शुगर कैसे काम करता है?शरीर में ब्लड शुगर का काम एनर्जी देना है. यह भोजन से आता है, जो पचने के बाद ग्लूकोज में बदल जाता है और ब्लड फ्लो में चला जाता है. अग्न्याशय इस शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन नामक हार्मोन छोड़ता है. इंसुलिन कोशिकाओं को एनर्जी के लिए खून से शुगर लेने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है. यदि इंसुलिन का उत्पादन कम मात्रा में होता है या शरीर इसका उचित उपयोग नहीं कर पाता है, तो ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज होता है, जो भारत में डायबिटीज के 90 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार है. कई अध्ययन से पता चलता है कि लाइफस्टाइ रिलेटेड फैक्टर्स, जैसे अपर्याप्त व्यायाम, तनाव या खराब आहार, इसके लिए जिम्मेदार हैं.

मरीजों को शुगर की जांच कब करनी चाहिए?हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ब्लड शुगर के लेवल की जांच तीन तरीकों से की जा सकती है...

सुबह खाने से पहले

खाने के एक से दो घंटे बाद

रात को सोने से पहले

नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल (बिना डायबिटीज वाले)जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, उनके लिए सामान्य फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 और 99 mg/dL के बीच होना चाहिए. इस सीमा से अधिक होने पर प्रीडायबिटीज का संकेत हो सकता है, जबकि इससे अधिक लेवल डायबिटीज का संकेत हो सकता है. हालांकि, खाने के दो घंटे बाद 140 मिलीग्राम/डीएल से कम रब्लड शुगर लेवल सामान्य माना जाता है. इस स्तर को नॉर्मल पोस्ट-मील ब्लड शुगर लेवल कहा जाता है और यह दर्शाता है कि शरीर ब्लड शुगर को प्रभावी ढंग से कंट्रोल कर रहा है. वहीं, अगर यह लेवल 140 और 199 mg/dL के बीच है, तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत हो सकता है, और अगर यह 200 mg/dL से ज्यादा है, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है.

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