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रणजी से दूरी, स्पिन बनी कमजोरी: गावस्कर ने बताई टीम इंडिया की असली परेशानी, अश्विन ने भी कही चौंकाने वाली बातAway from Ranji Trophy, spin becomes a weakness: Gavaskar reveals Team India's real problem, Ashwin also makes a surprising statement

 दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट ने भारतीय बल्लेबाज़ों की स्पिन खेलने की कमजोरी को एक बार फिर उजागर कर दिया। गौतम गंभीर के नेतृत्व वाले टीम मैनेजमेंट ने टर्निंग पिच की मांग की, लेकिन वही फैसला भारत पर भारी पड़ गया। भारतीय बल्लेबाज जिस पिच पर बढ़त बनाने की उम्मीद कर रहे थे, उसी पर बार-बार लड़खड़ाते नज़र आए। इसी प्रदर्शन को देखते हुए रविचंद्रन अश्विन ने खुलकर कहा कि अब भारतीय बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ दुनिया में सबसे बेहतरीन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई पश्चिमी देशों के खिलाड़ी उनसे बेहतर हैं। अब इस बहस में दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर भी कूद पड़े हैं। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी, प्रैक्टिस और घरेलू क्रिकेट से दूरी पर बड़ी बात कही है।


'भारतीय बल्लेबाज अब स्पिन के बेस्ट नहीं'अश्विन ने साफ कहा, 'हम इस समय स्पिन के सबसे अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं। कई पश्चिमी टीमें हमसे बेहतर हैं, क्योंकि वे भारत आकर स्पिन की खूब प्रैक्टिस करते हैं। हम उतनी तैयारी ही नहीं करते।' अश्विन का दावा है कि भारतीय खिलाड़ी तेज गेंदबाजी तो शानदार खेल लेते हैं क्योंकि उसे चुनौती मानते हैं, लेकिन स्पिन को लेकर ऐसा दृष्टिकोण नहीं दिखता।

'रणजी नहीं खेलोगे तो स्पिन कैसे खेलोगे?'गावस्कर ने सीधे-सीधे कहा कि भारतीय खिलाड़ियों की स्पिन कमजोरी की जड़ घरेलू क्रिकेट से दूरी है। उन्होंने कहा, 'हमारे खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलते ही नहीं। अगर रणजी खेलते, तो ऐसी पिचों पर खेलना रोजमर्रा की बात होती। घरेलू क्रिकेट में भी टीमें टर्निंग पिच बनाती हैं ताकि प्वाइंट मिलें। लेकिन हमारे कितने खिलाड़ी नीचे जाकर रणजी खेलते हैं?' गावस्कर के अनुसार, जब खिलाड़ी घरेलू सर्किट से ही दूर रहेंगे, तो टर्निंग पिचों पर संघर्ष करना लाजिमी है।

वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी निशानागावस्कर ने वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कई खिलाड़ी रणजी तभी खेलते हैं जब फॉर्म खराब हो जाए, बाकी समय ‘वर्कलोड’ का हवाला देकर दूर रहते हैं। उन्होंने साफ कहा, 'वर्कलोड नाम की चीज आ गई है। वे खेलना ही नहीं चाहते। बस तभी रणजी खेलते हैं जब फॉर्म गंवा देते हैं। अगर आपको स्पिन वाली पिचों पर खेलना है, तो घरेलू क्रिकेट से बेहतर तैयारी कहीं नहीं।' गावस्कर के मुताबिक, अगर टीम इंडिया को स्पिन पिचों पर भरोसेमंद बल्लेबाज़ चाहिए, तो चयनकर्ताओं को भी घरेलू क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए।

भारत की स्पिन पहचान को खतरा?यह पूरा मामला भारतीय क्रिकेट के लिए चेतावनी है। कभी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिन खेलने वाली टीम मानी जाने वाली भारतीय टीम अब उसी विभाग में पिछड़ती दिख रही है। गंभीर की टर्निंग पिच रणनीति उलटी पड़ जाना इसका ताजा उदाहरण है। अगर भारतीय बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट से दोबारा जुड़ें और स्पिन के खिलाफ कठिन परिस्थितियों में खुद को डालें, तभी यह समस्या दूर हो सकेगी।

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