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दुनिया को भारत के AI विजन से रूबरू कराएगा 'इंडिया एआई इंपैक्ट समिट', जानें क्या रहेगा खासThe 'India AI Impact Summit' will introduce the world to India's AI vision; learn about its highlights.

 नई दिल्ली: तीन दिन पहले पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों के सामने एआई के दुरुपयोग और तकनीक के और समावेशी होने की जरूरत पर बल दिया था। इसी दौरान पीएम ने फरवरी में होने वाली इंडिया एआई इंपैक्ट समिट को लेकर सभी देशों से अपील कि वो इस सम्मेलन का हिस्सा बनें।


दरअसल जी 20 सम्मेलन के दौरान एआई और डिजिटल तकनीक में नवाचार को लेकर भारत ने अपने विजन के महत्वाकांक्षी ब्लूप्रिंट को सामने रखा है। उस दौरान तकनीक और इनोवेशन में कनाडा-भारत-ऑस्ट्रेलिया की त्रिपक्षीय साझेदारी भी इसी कड़ी का हिस्सा है। इसमें तकनीक में गहरे सहयोग को लेकर एक सहमति की दिशा बनती दिखी। भारत के आधिकारिक बयान में इस बात का जिक्र है इस साझेदारी को कैसे आगे लेकर जाना है, इस पर तीनों देश आने वाले साल के शुरुआती महीनों में विचार करेंगे।

नीदरलैंड, फ्रांस, कनाडा ने समिट में दिखाई है रूचि- भारत में अगले साल होने वाली इस समिट को लेकर सरकार महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक करीब 120 देशों को इसमें हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों कह चुके हैं कि वो समिट में हिस्सा लेंगे। वहीं नीदरलैंड और कनाडा की ओर से भी इसमें प्रतिभागिता को लेकर रूचि दिखाई गई है। माना जा रहा है कि समिट में ना सिर्फ वर्ल्ड लीडर्स बल्कि इंडस्ट्री के जाने माने लोगों के भी इसमें शामिल होने की संभावना है।

इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन के संस्थापक कनिष्क गौर का कहना है कि भारत सरकार की ओर से हाल ही में सामने आई एआई गवर्नेंस गाइडलाइंस दरअसल इस संबंध में दूसरे देशों की ओर से अपनाए गए दिशानिर्देशों और नियमों की तुलना में कही संतुलित रुख दिखाती है, जो बाहरी दखल से प्रभावित नहीं है । AI के क्षेत्र में भारत दुनिया को सुरक्षित, नैतिक और पूर्वाग्रहों से मुक्त दिशा दिखा सकता है। AI इंपैक्ट समिट के तौर पर अपने विजन को सामने रखने के लिए लिहाज से भारत के पास अच्छा मौका है।

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