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एसआईआर में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर की स्थिति खराब, 70 प्रतिशत भी नहीं हो पाया डिजिटाइजेशनBhopal, Indore, Gwalior and Jabalpur are in a bad position in SIR, not even 70 percent digitization has been done

 .भोपाल। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सर्वे अभियान में मध्य प्रदेश के चारों महानगर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर की स्थिति खराब है। भोपाल प्रदेश में सबसे पिछड़ा है। 26 नवंबर की स्थिति में यहां मात्र 50 प्रतिशत डिजिटाइजेशन ही हो पाया है। इंदौर में 51 प्रतिशत, ग्वालियर में 55, जबलपुर में 66 प्रतिशत काम हुआ है।


अधिकारियों का कहना है कि महानगरों में मतदाता रुचि नहीं ले रहे। पता बदलने के कारण वे बीएलओ को मिल ही नहीं रहे। इस कारण दिक्कत आ रही है। मुरैना, भिंड, शिवपुरी, उज्जैन, सिंगरौली, सागर और बुरहानपुर में डिजिटाइजेशन 75 प्रतिशत से कम है।

भारत निर्वाचन आयोग की डायरेक्टर व मप्र में एसआईआर की प्रभारी शुभ्रा सक्सेना ने भी बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान महानगरों की खराब स्थिति पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने भोपाल कलेक्टर को यह तक कहा था कि गति नहीं बढ़ी तो कार्रवाई भी करनी पड़ सकती है। विशेष शिविर लगाकर एसआईआर फार्म भरवाने को कहा था।

चार करोड़ से अधिक गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन

गुरुवार शाम तक प्रदेश में औसत 84 प्रतिशत डिजिटाइजेशन यानी गणना पत्रकों की जानकारी अपलोड की जा चुकी है। उधर, अशोकनगर सौ प्रतिशत डिजिटाइजेशन करने वाला पहला जिला बन गया। अन्य 12 जिलों में 90 प्रतिशत गणना पत्रक की जानकारी एसआईआर पोर्टल पर दर्ज की जा चुकी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने बताया कि प्रदेश में काम तेजी से चल रहा है। गुरुवार शाम तक चार करोड़ 60 लाख से अधिक गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन पूरा किया जा चुका है।

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