Top News

बच्चों की मेंटल हेल्थ मजबूत बनाने के लिए पेरेंट्स अपनाएं ये 5 कारगर टिप्स Parents should follow these 5 effective tips to strengthen the mental health of their children.

आज की तेज रफ्तार और कॉम्पीटिशन भरी जिंदगी में बच्चों की मेंटल हेल्थ पर गहरा असर पड़ रहा है। पढ़ाई का दबाव, सोशल मीडिया का प्रभाव और बदलती जीवनशैली बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य (Kid's Mental Health) पर पहले से कहीं ज्यादा असर डालती है।माता-पिता की भूमिका बच्चों की मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाने में अहम हो गई है। आइए इस वर्ल्ड चिल्ड्रन्स डे पर जानते हैं बच्चों की मानसिक सेहत दुरुस्त रखने के लिए 5 कारगर टिप्स 

खुलकर बातचीत का माहौल बनाएं

बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए सबसे जरूरी है कि वह अपनी भावनाओं और विचारों को खुलकर व्यक्त कर सकें। एक ऐसा माहौल बनाएं जहां बच्चा बिना डर या झिझक के अपनी बात कह सके। रोजाना कुछ समय निकालकर उससे उसके दिनभर की एक्टिविटीज, दोस्तों और पढ़ाई के बारे में बातचीत करें। जब बच्चा अपनी कोई प्रॉब्लम शेयर करे, तो उसे तुरंत टोकें नहीं बल्कि धैर्य से सुनें। उसकी फीलिंग्स को वैलिडेट करें, चाहे वह खुशी हो या गम। याद रखें, कभी-कभी सिर्फ सुन लेना ही काफी होता है।

इमोशनल इंटेलिजेंस विकसित करने में मदद करें

बच्चों को उनकी भावनाओं को पहचानना और मैनेज करना सिखाएं। उन्हें बताएं कि गुस्सा, डर, उदासी या एंग्जायटी जैसी फीलिंग्स नॉर्मल हैं, लेकिन इन्हें हेल्दी तरीके से जाहिर करना जरूरी है। जब बच्चा गुस्सा हो, तो उसे शांत होने के प्रैटिकल तरीके सिखाएं जैसे गहरी सांस लेना, कुछ देर अकेले रहना, या अपनी पसंदीदा एक्टिविटी करना। उन्हें सिखाएं कि मुश्किल इमोशन्स को कैसे हैंडल किया जाए।

क्वालिटी टाइम बिताएं

बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है। रोजाना कम से कम 30-40 मिनट का समय सिर्फ बच्चे के साथ बिताएं, बिना फोन या दूसरे डिस्ट्रैक्शन के। साथ में गेम्स खेलें, कहानियां पढ़ें या बाहर वॉक पर जाएं। इसके अलावा, बच्चे के रूटीन में 7-8 घंटे की नींद, हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटीज जरूर शामिल करें। 

वास्तविक अपेक्षाएं रखें

हर बच्चा अलग होता है, उसकी अपनी खूबियां और सीमाएं होती हैं। बच्चों से वास्तविक अपेक्षाएं रखें और याद रखें कि परफेक्ट जैसा कुछ नहीं होता। दूसरे बच्चों से तुलना करना बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की सराहना करें और उनकी कोशिशों पर ध्यान दें, न कि सिर्फ परिणाम पर। 

स्क्रीन टाइम मैनेज करें 

आज के डिजिटल युग में बच्चों का ज्यादा समय स्क्रीन के सामने बीत रहा है, जो उनकी मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर डाल रहा है। बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें और उन्हें आउटडोर एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें। खेल-कूद न सिर्फ बच्चों की फिजिकल हेल्थ के लिए अच्छे हैं, बल्कि यह स्ट्रेस कम करने और सोशल स्किल्स विकसित करने में भी मददगार हैं। 

Post a Comment

Previous Post Next Post