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इंदौर में इस साल अब तक करीब 45 हजार लोग ऑनलाइन ठगों के बने शिकार, करीब 90 करोड़ रुपये की ठगी हुई So far this year, around 45,000 people in Indore have fallen victim to online fraudsters, defrauding them of around Rs 90 crore.

 

इंदौर: जागरूकता अभियानों और लगातार चेतावनी के बावजूद इंदौर में साइबर ठगी के मामले थम नहीं रहे हैं। इस साल अब तक करीब 45 हजार लोग आनलाइन ठगों के शिकार बने हैं, जिनसे करीब 90 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा 41 करोड़ का फ्राड निवेश के नाम पर किया गया।



चौंकाने वाली बात यह है कि ठगों के जाल में साफ्टवेयर इंजीनियर और विज्ञानी जैसे पढ़े-लिखे लोग भी फंस रहे हैं। पुलिस की साइबर सेल ने केस तो दर्ज किए, पर रिकवरी की राशि बहुत कम है।

इंदौर के रिटायर्ड डीएसपी से सवा दो लाख की ठगी अपराधी रिटायर्ड कर्मचारियों को भी निशाना बना रहे हैं। भोपाल पुलिस ने ऐसे ही गिरोह को पकड़ा है। इसने इंदौर के रिटायर्ड डीएसपी से सवा दो लाख की ठगी करना स्वीकारा है। आजाद नगर पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने शुक्रवार रात पवनपुरी (पालदा) निवासी 65 वर्षीय ध्यानूराव आपाजी बच्चन की शिकायत पर केस दर्ज किया। ध्यानूराव डीएसपी के पद से रिटायर हुए हैं।

पिछले 13 अक्टूबर को साइबर अपराधी ने काल कर उनसे बात की और खुद को ट्रेजरी कार्यालय (भोपाल) में कार्यरत डीके तिवारी बताया। उसने पेंशन प्रकरण की चर्चा की और ध्यानूराव से आधार व पैन कार्ड ले लिया। आरोपित ने वाट्सएप पर लिंक भेजी और एरियर आदि निकालने का झांसा देकर लिंक के माध्यम से फर्जी एप इंस्टाल करवा लिया। आरोपितों ने ध्यानूराव का फोन हैक कर लिया और खाते से पहली बार में एक लाख 97 हजार और दूसरी बार में 36 हजार 31 रुपये निकाल लिए।

वाट्सएप डीपी पर मध्य प्रदेश शासन का लोगो लगाते हैं

नेशनल हेल्पलाइन 1930 पर हुई शिकायत के बाद आजाद नगर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। जांच के दौरान पता चला कि इस तरह से ठगी करने वाला गिरोह भोपाल क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है। टीआइ लोकेशसिंह भदौरिया के अनुसार, आरोपित वाट्सएप डीपी पर मध्य प्रदेश शासन का लोगो लगा लेते हैं। लिंक भी सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग आफिस न्यू दिल्ली के नाम से भेजी थी। आजाद नगर पुलिस ने भोपाल में आरोपितों की गिरफ्तारी की।

ठगी का चौंकाने वाला आंकड़ा, वापस दिलाए पौने 13 करोड़

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार साइबर अपराध के प्रकरण बढ़ रहे हैं। पुलिस ने भी एक्शन लेते हुए इस साल अब तक पौने 13 करोड़ शिकायतकर्ताओं को रिफंड दिलवाए हैं। साइबर सेल ने छह हजार से ज्यादा खाते फ्रीज कवाए और एक हजार संदिग्ध आइडी ब्लाक करवाए हैं। सेल ने दो हजार से ज्यादा इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट का डेटा रिकवर करवाया है।


बचाव के उपाय

(1) अपरिचित प्रोफाइल, ग्रुप या चैनल से मिली किसी लिंक पर क्लिक न करें।

(2) क्रिप्टोकरेंसी, निवेश, शापिंग या नौकरी के नाम पर पैसा ट्रांसफर न करें।

(3) अंजान वेब पेज या मैसेजिंग एप्स पर निजी जानकारी दर्ज करने से बचें।

(4) इंटरनेट मीडिया और ईमेल अकाउंट पर टू-फैक्टर आथेंटिकेशन आन रखें।

(5) स्क्रीन लाक और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।

(6) संदिग्ध केवाईसी अपडेट, आधार या पैन लिंकिंग वाले संदेशों पर भरोसा न करें।

(7) अज्ञात कालर के निर्देशों का पालन न करें।

(8) कस्टमर केयर नंबर सर्च इंजन से न लें, आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें।

(9) इंटरनेट मीडिया पर अपनी वित्तीय या निजी जानकारी साझा न करें।

(10) साइबर अपराध की शिकायत साइबर क्राइम आनलाइन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर या हेल्पलाइन 1930 पर करें।

(11) धोखाधड़ी पता चलते ही रिपोर्ट करें।

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