दिल्ली में लाल किले के पास धमाके को अंजाम देने वाले 'वॉइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल' के अब स्पष्ट विदेशी लिंक सामने आ रहे हैं। जांच में अब सामने आया है कि तीन कथित विदेशी हैंडलर्स में से एक ने अल-फलाह से गिरफ्तार किए गए डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई को इनक्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। गनई वही शख्स है जिसके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया था और वह दिल्ली में धमाका करने वाले उमर नबी का साथी है।
दिल्ली केस में अब तक तीन विदेशी हैंडलर्स के नाम सामने आए हैं, जिनकी पहचान हंजुल्लाह, निसार और उकासा के रूप में हुई है। हालांकि, माना जा रहा है कि ये नाम फर्जी भी हो सकते हैं और उनकी असली पहचान कुछ और हो सकती है। रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हंजुल्लाह ने गनई को बम बनाने का तरीका बताने वाले 40 से ज्यादा वीडियो डॉ. गनई को भेजे थे। गनई ने ही विस्फोटक जुटाए थे और उन्हें अपने ठिकानों पर छिपाकर रखा था। इन्हीं का इस्तेमाल दिल्ली में धमाकों के लिए भी उमर नबी ने किया।
डॉ. गनई को दिल्ली में धमाके से ठीक पहले तब गिरफ्तार किया गया जब उसके ठिकानों से 2500 किलो विस्फोटक सामग्री की बरामदगी हुई जिसमें 350 किलो अमोनियम नाइट्रेड था। यह भी सामने आया है कि 2022 में डॉ. मुजम्मिल शेख गनई, डॉ. मुजफ्फर राथर और डॉ. उमर उन नबी को तुर्की में सीरिया के आतंकी से मिलवाया गया था। पाकिस्तानी हैंडलर्स ने इस मुलाकात में अहम भूमिका निभाई थी।
डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील अहमद राथर, शाहीन सईद और मुफ्ती इरफान अहमद को एक दिन पहले ही अपनी कस्टडी में लेने के बाद अब एनआईए इनके विदेशी लिंक से पर्दा हटाने की कोशिश करेगी। जांच एजेंसियों ने यह भी बताया है कि डॉ. शाहीन जैश ए मोहम्मद के महिला विंग से जुड़ी हुई थी। आतंकी डॉक्टरों के मॉड्यूल ने 10 नवंबर को दिल्ली में धमाका किया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 20 जख्मी हो गए थे। मारे गए लोगों में फिदायीन हमलावर उमर नबी भी शामिल था।

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