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मणिपुर के चुराचांदपुर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 4 उग्रवादी मारे गएFour militants killed in an encounter with security forces in Churachandpur, Manipur मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में मंगलवार सुबह सुरक्षा बलों के

 मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में मंगलवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक प्रतिबंधित संगठन के कम से कम चार उग्रवादी मारे गए. पुलिस ने यह जानकारी दी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि प्रतिबंधित यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (यूकेएनए) के सशस्त्र कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की सूचना के आधार पर, जिले के हेंगलेप उप-मंडल के अंतर्गत खानपी गाँव में सुबह लगभग 5.30 बजे एक अभियान शुरू किया गया. यूकेएनए ने केन्द्र, राज्य सरकार और कुकी तथा जोमी उग्रवादी समूहों के बीच हस्ताक्षरित ऑपरेशन निलंबन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.


अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान सेना के जवानों और उग्रवादियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई. अधिकारी ने कहा, 'मुठभेड़ के दौरान कम से कम चार उग्रवादी मारे गए, जबकि कई अन्य मौके से भागने में सफल रहे. उन्होंने यह भी बताया कि मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है.

रक्षा विभाग के एक बयान में यह भी कहा गया है कि 4 नवंबर की तड़के, चुराचांदपुर से लगभग 80 किलोमीटर पश्चिम में खानपी गाँव में एक खुफिया सूचना पर आधारित अभियान के दौरान उग्रवादियों ने सेना की टुकड़ी पर बिना उकसावे के गोलीबारी की.

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा बलों और गैर-दक्षिण कोरियाई विद्रोही समूह यूकेएनए के सशस्त्र कार्यकर्ताओं के बीच हुई गोलीबारी में उग्रवादी समूह के चार सदस्य मारे गए. बयान में कहा गया है कि अभियान अभी भी जारी है और आसपास के इलाकों में तलाशी जारी है.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को मणिपुर के तीन जिलों में सुरक्षा बलों ने दो अलग-अलग प्रतिबंधित संगठनों के दस उग्रवादियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए. गिरफ्तार किए गए उग्रवादी अलग-अलग उग्रवादी समूहों, कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) से जुड़े हैं.

गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए. सुरक्षा बलों ने पिछले दिनों मणिपुर में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 18 उग्रवादियों को पकड़ा. पकड़े गए उग्रवादी विभिन्न अपराधों में शामिल पाए गए. इनमें लोगों, सरकारी कर्मचारियों, ठेकेदारों और अन्य लोगों को डराना-धमकाना, उनसे जबरन वसूली समेत अन्य आरोप हैं

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