Top News

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पकड़ा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो हवाला रैकेटIncome Tax Department busts crypto hawala racket worth over Rs 300 crore

 पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए हवाला के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह के एक बड़ मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने केरल में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लगभग 330 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट का खुलासा किया है। यह रैकेट कथित तौर पर एक फ्लावर एक्सपोर्ट फर्म की आड़ में चलाया जा रहा था। 


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि डिपार्टमेंट के इनवेस्टिगेशन विंग ने मालापुरम और कोझिकोड जिलों में जांच के दौरान कई स्थानों पर छापा मारा है। फ्लावर्स का एक्सपोर्ट करने वाली यह फर्म मालापुरम के दो व्यक्ति चला रहे थे। पिछले कई वर्षों से यह फर्म इंडोनेशिया को फ्लावर्स का एक्सपोर्ट कर रही थी। इन दोनों आरोपियों को बैंकिंग सिस्टम के बजाय क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट्स मिलती थी। इस मामले में रकम को छिपाने के लिए इन दोनों ने कथित तौर पर स्टूडेंट्स सहित विभिन्न व्यक्तियों के नामों पर कई क्रिप्टो वॉलेट्स बनाए थे। इनमें से एक व्यक्ति मालापुरम और कोझिकोड से कारोबार संभाल रहा था और एक अन्य सऊदी अरब में मौजूद है। 

इस मामले में शुरुआती अनुमान से क्रिप्टोकरेंसीज के जरिए लगभग 330 करोड़ रुपये की ट्रांजैक्शंस का पता चला है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि हवाला की रकम का सटीक अनुमान डिजिटल वॉलेट्स की जांच के बाद लगाया जा सकेगा। इस मामले को आगे की जांच के लिए फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के पास भेजा जा सकता है क्योंकि इसमें फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया गया है। 

क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले महीने सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों, कस्टोडियंस और इंटरमीडियरीज को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया था। क्रिप्टो एक्सचेंजों को यह निर्देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU-IND) की ओर से दिया गया है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कम्प्लायंस की निगरानी की जिम्मेदारी FIU-IND के पास है। FIU-IND के पास रजिस्टेशन के लिए VDA सर्विस प्रोवाइडर्स को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराना जरूरी होगा। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में सभी प्रकार के सायबर अपराधों में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत की है। इस सेगमेंट में चुराए गए एसेट्स को छिपाने के लिए ज्यादातर डार्कनेट मार्केट्स, अधिक प्राइवेसी वाले कॉइन्स और मिक्सिंग सर्विसेज का इस्तेमाल किया जाता है। 

Post a Comment

Previous Post Next Post