जल जीवन मिशन की जांच में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है।सीएस अनुराग जैन ने 280 एजेंसियों और 22 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया है। 141 अफसरों को नोटिस भेजा गया है। सरकार ने अब पूरी प्रक्रिया की दोबारा जांच का आदेश दिया है।
मिशन में काम कर रही 280 एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। इसके साथ ही 22 ठेकेदारों के अनुबंध भी रद्द कर दिए गए हैं। इन ठेकेदारों को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है। यह कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के तुरंत बाद की गई है।
141 अधिकारी और 187 एजेंसियां नोटिस पर
जांच में यह भी सामने आया कि कई स्थानों पर गलत डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाई गई थी। इसी वजह से 141 पीएचई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इसके साथ ही, 187 एजेंसियों को भी डीपीआर की गड़बड़ी पर नोटिस भेजा गया है।
कई गांवों की नल जल योजनाओं में मजरे और टोले छूट गए थे। इसकी वजह से कई परिवारों को नल कनेक्शन नहीं मिल पाए थे। इसे गंभीर लापरवाही मानकर कार्रवाई शुरू की गई है।अफसरों पर हुई सख्त कार्रवाई
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने एक ठेकेदार का अनुबंध तुरंत रद्द कर दिया है। ठेकेदार ने फर्जी बैंक गारंटी जमा कराई थी। पूरा मामला अब सीबीआई को भेजने का आदेश दिया गया है। साथ ही टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले 10 अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है।
जल जीवन मिशन की जांच में भारी अनियमितताएं मिलीं और बड़ी कार्रवाई शुरु हुई।
280 एजेंसियां और 22 ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, कई अनुबंध रद्द किए गए।
CS अनुराग जैन ने गलत डीपीआर बनाने पर 141 अधिकारी और 187 एजेंसियों को नोटिस भेजा है।
फर्जी बैंक गारंटी वाले एक ठेकेदार पर तुरंत कार्रवाई, 10 अफसरों पर भी सख्त कदम।
30 करोड़ की पेनाल्टी, 8358 योजनाओं की दोबारा जांच, और 1000 करोड़ के पुराने आटोप फिर चर्चा में।
समीक्षा बैठक में हुआ बड़ा खुलासा
IAS अनुराग जैन ने मंत्रालय में हुई समीक्षा बैठक में बताया कि अब तक 30 करोड़ की पेनाल्टी लग चुकी है। यह पेनाल्टी विभिन्न एजेंसियों पर लगाई गई है। इसके साथ ही एक नई समिति बनाई गई है। यह समिति 8358 नल जल योजनाओं का दोबारा परीक्षण करेगी।
बैठक में बताया गया कि अब तक 80 लाख 52 हजार 82 घरों में नल कनेक्शन पहुंच चुका है। यह कुल लक्ष्य का 72 प्रतिशत से अधिक है। मुख्य सचिव ने कहा कि साफ पानी हर घर तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने गुणवत्ता नियंत्रण पर जीरो टॉलरेंस रखने के निर्देश दिए हैं।
1000 करोड़ के आरोप फिर चर्चा में
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने कुछ समय पहले पीएमओ को पत्र भेजा था। उन्होंने पीएचई मंत्री और इंजीनियरों पर बड़े करप्शन के आरोप लगाए थे। यह रकम करीब 1000 करोड़ बताई गई थी। तब सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन अब जिस तरह की कार्रवाई हो रही है, उससे आरोप फिर मजबूत लग रहे हैं।

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