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ग्रीन फील्ड कॉरिडोर में इंदौर के 20 गांवों की 175 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण175 hectares of land from 20 villages in Indore will be acquired for the Green Field Corridor

 

इंदौर। इंदौर और उज्जैन के बीच प्रस्तावित 48 किमी लंबे ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। इसमें इंदौर जिले की दो तहसीलों सांवेर और हातोद के 20 गांवों की जमीनें आ रही हैं। अधिग्रहित होने वाली जमीनों के लिए धारा-19 का प्रकाशन कर दिया गया है, जिसके साथ ही किसानों का भूमि विवरण, स्वामित्व और रकबे की जानकारी सार्वजनिक कर दी गई है।


इंदौर में 175 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहित होगी। इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड कॉरिडोर परियोजना में इंदौर जिले के 20 और उज्जैन जिले के आठ गांवों की भूमि आ रही है। इसमें इंदौर जिले में 650 किसानों की करीब 175.393 हेक्टेयर जमीन परियोजना के लिए अधिग्रहित होगी। हातोद तहसील के 255 किसानों की करीब 75.401 हेक्टेयर, जबकि सांवेर तहसील के 395 किसानों की 99.992 हेक्टेयर निजी एवं सिंचित भूमि शामिल है।

धारा-19 के प्रकाशन के साथ ही प्रभावित किसानों के नाम और उनकी जमीन का पूरा रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिया गया है। सांवेर एसडीएम धनश्याम धनगर का कहना है कि ग्रीन फील्ड कॉरिडोर योजना के लिए धारा-19 का प्रकाशन कर दिया गया है। इसमें किसानों के नाम और योजना में आ रही भूमि की जानकारी सार्वजनिक की गई है।

मिलेगा बेहतर विकल्प

ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के निर्माण से इंदौर-उज्जैन के बीच यात्रा के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। इससे उज्जैन की यात्रा आसानी से और कम समय में पूरी हो सकेगी। एयरपोर्ट आकर उज्जैन जाने वाले यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे पर्यटन गतिविधियों को नई गति मिलेगी।

सर्वे कर अधिग्रहित होगी जमीन

परियोजना की प्रक्रिया के तहत राजस्व विभाग भूमि का सर्वे और निपटान करेगा। इसके बाद किसानों के खाते में मुआवजा राशि हस्तांतरित की जाएगी। सर्वे के दौरान जमीन की प्रकृति, सिंचाई व्यवस्था और औसत गाइडलाइन मूल्य के आधार पर मुआवजा राशि निर्धारित की जाएगी। जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद सड़क निर्माण का कार्य पूरा होगा।

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