नई दिल्ली। IT कंपनी इन्फोसिस (Infosys Share Buyback Date) का अब तक का सबसे बड़ा 18,000 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक कार्यक्रम गुरूवार को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 26 नवंबर को बंद होगा। इन्फोसिस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी का लक्ष्य पांच रुपये अंकित मूल्य के 10 करोड़ पूर्ण चुकता इक्विटी शेयरों को 1,800 रुपये प्रति शेयर के भाव से वापस खरीदना है। यह कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 2.41 प्रतिशत है। पात्र शेयरधारक निविदा अवधि, यानी 20 नवंबर, 2025 से 26 नवंबर, 2025 तक, अपने इक्विटी शेयर प्रस्तुत कर सकते हैं।
कंपनी की यह बायबैक मध्यम अवधि में रणनीतिक और परिचालन नकदी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और अपनी पूंजी आवंटन नीति के अनुरूप शेयरधारकों को प्रभावी और कुशल तरीके से अधिशेष धनराशि वापस करने के लिए की जा रही है।
कंपनी ने 2017 में अपने पहले शेयर बायबैक कार्यक्रम की घोषणा की थी। उस समय, इन्फोसिस ने 1,150 रुपये प्रति शेयर की दर से 11.3 करोड़ शेयर यानी कंपनी की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 4.92 प्रतिशत तक वापस खरीदा था।
उस बायबैक की कुल राशि लगभग 13,000 करोड़ रुपये थी। दूसरी बायबैक 2019 में 8,260 करोड़ रुपये की, तीसरी 9,200 करोड़ रुपये और आखिरी बायबैक 2022-23 में 9,300 करोड़ रुपये की थी। नंदन एम नीलेकणि और सुधा मूर्ति सहित इन्फोसिस के प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह ने बायबैक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। बायबैक की घोषणा की तारीख तक प्रवर्तकों के पास संयुक्त रूप से कंपनी में 13.05 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
इंफोसिस शेयर बायबैक के लिए कौन पात्र है?
सबसे बड़ा सवाल है कि इस बायबैक के लिए कौन पात्र हैं? यही कारण है कि रिकॉर्ड डेट महत्वपूर्ण है। जिन शेयरधारकों के खाते में रिकॉर्ड डेट तक शेयर होते हैं, वे बायबैक के लिए पात्र हो जाते हैं।
जिरोधा के फाउंडर नितिन कामथ ने बायबैक पर टैक्स पर क्या कहा?
जिरोधा के फाउंडर नितिन कामथ के मुताबिक यदि आप 1800 रुपये (वर्तमान प्राइस लगभग 1550 रुपये) पर बायबैक में भाग लेते हैं, तो आपको मिले फायदे को अन्य सोर्स से हुई कमाई मानी जाएगी और उस पर आपके लागू स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा। ऐसे में यह पूरे निवेश मूल्य को पूंजीगत हानि माना जाता है।
वहीं दूसरी तरफ यदि आपके पास अन्य पूंजीगत लाभ हैं जिनकी भरपाई इन पूंजीगत हानियों से की जा सकती है, तो इस स्थिति में बायबैक आकर्षक हो जाता है। यदि निवेश 1 साल से कम के लिए किया गया था, तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस है और 1 साल से ज्यादा से ज्यादा के लिए, यह लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस है। इनके अलावा यह डिविडेंड जैसा ही है।
इंफोसिस शेयर बायबैक इतिहास
यह इंफोसिस का पांचवां और टेक दिग्गज का अब तक का सबसे बड़ा शेयर बायबैक है। कंपनी ने इससे पहले 2017, 2019, 2021 और 2022-2023 में बायबैक किया था। इनमें से प्रत्येक बायबैक 18-30% के प्रीमियम पर हुआ है।

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