इदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक और तकनीकी क्षमता तेजी से नई ऊंचाई छू रही है। शुक्रवार को इंदौर में आयोजित एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़े निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में मेट्रोपॉलिटन रीजन की अवधारणा पर जल्द अमल शुरू किया जा रहा है, जिसके तहत इंदौर में ही उज्जैन सहित चार जिले समाहित होंगे। इस फैसले से इंदौर क्षेत्र का विकास और तेज होगा तथा क्षेत्रीय स्तर पर एकीकृत योजनाओं को अभूतपूर्व गति मिलेगी। कॉन्क्लेव में 16 हजार करोड़ से अधिक निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, वहीं 22 परियोजनाओं का लोकार्पण और चार के भूमिपूजन से उद्योग और तकनीक के क्षेत्र में राज्य ने एक और ऐतिहासिक कदम रखा। मुख्यमंत्री ने बताया कि औद्योगिक निवेश और समग्र विकास की गति को देखते हुए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को टॉप अचीवर्स स्टेट का सम्मान दिया है, जो प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
कॉन्क्लेव में इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर 524 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक आईटी पार्क विकसित करने की योजना का भी अनावरण किया गया। इसके अलावा स्पेस टेक नीति के मसौदे को भी प्रस्तुत किया गया, जो अंतरिक्ष अनुसंधान, तकनीक, निवेश और रोजगार के नए अवसर खोलेगा। इस नीति से प्रदेश के वैज्ञानिक और नवाचार क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कॉन्क्लेव में कुल 68 महत्वपूर्ण कार्य हुए, जिनमें उद्घाटन, भूमिपूजन, एग्रीमेंट, आवंटन पत्र वितरण, नीति और पोर्टल लॉन्च तथा उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठकें शामिल रहीं। इन प्रयासों से कुल 15,896 करोड़ रुपए का निवेश राज्य में आएगा और 64,085 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट से लेकर टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0 तक 99 निवेश प्रस्ताव सामने आए थे, जिनसे 34 हजार करोड़ रुपए के निवेश और 2 लाख रोजगार के अवसर बनने की दिशा में कार्य चल रहा है। इन प्रस्तावों में 27 प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं और 8 साइट विजिट के चरण में हैं। मात्र आठ महीनों में 6 हजार करोड़ रुपए का निवेश और 50 हजार रोजगार अवसर साकार हो चुके हैं, जो मध्यप्रदेश की गतिशील तकनीकी प्रगति का प्रमाण है।
कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने उद्योग और निवेश को बढ़ावा देने हेतु नौ कंपनियों को भूमि आवंटन के आशय पत्र प्रदान किए। इन कंपनियों से 10.61 करोड़ निवेश तथा 740 रोजगार की संभावना बनेगी। इसी के साथ तकनीक, आईटी और विनिर्माण क्षेत्र में सात प्रमुख एमओयू भी किए गए, जिनसे 800 करोड़ रुपए का निवेश और 10,500 से अधिक रोजगार प्राप्त होंगे। इस पहल में आईटी पार्क विकास, गेमिंग, टेक्नोलॉजी रिसर्च, स्किल डेवलपमेंट, सिलिकॉन वेफर निर्माण और नवाचार जैसे क्षेत्र शामिल हैं। राज्य सरकार और भारतीय सेना के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, महू के बीच साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के लिए एमओयू हुआ, जिससे रक्षा और नागरिक तकनीकी क्षेत्र के बीच सहयोग और मजबूत होगा। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 85.51 करोड़ रुपए के निवेश के महत्वपूर्ण करार भी हुए। इनमें आईआईएसईआर भोपाल के सहयोग से एआई संचालित ड्रोन प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना प्रमुख है। एलएंडटी एड्यूटेक के साथ मास्टर सर्विस एग्रीमेंट कर तकनीकी क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें भोपाल और इंदौर के प्रमुख शिक्षण संस्थान शामिल होंगे।
सरकारी विभागों में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने ‘सीआईएसओ पोर्टल’ का शुभारंभ किया, जो वास्तविक समय में सुरक्षा निगरानी और अनुपालन प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। इंदौर में मेट्रोपॉलिटन रीजन की दिशा में उठाया जाने वाला यह कदम, प्रदेश की विकास यात्रा को नई परिभाषा देगा और उज्जैन सहित आसपास के जिलों को इंदौर की औद्योगिक, तकनीकी और आर्थिक शक्ति से जोड़कर क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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